फरीदाबाद : हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद नगर निगम के मुख्य अभियंता बीरेंद्र कुमार कर्दम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। नगर निकाय विभाग की ओर से जारी एक आधिकारिक चार्जशीट में कहा गया है कि कर्दम के खिलाफ हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, बीरेंद्र कुमार कर्दम को 15 दिनों के भीतर इस मामले में अपना लिखित स्पष्टीकरण देना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो यह माना जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है।
क्या हैं आरोप?
मुख्य अभियंता बीरेंद्र कुमार कर्दम पर आरोप है कि नवंबर 2020 से अब तक फरीदाबाद नगर निगम के अंतर्गत उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य लंबित पड़े हैं।
- विकास कार्यों में लापरवाही:
28 अक्टूबर 2024 को नगर निकाय मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें नगर निगम फरीदाबाद, फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड (FSCL) और फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA) के अधिकारी शामिल हुए थे।
इस बैठक में नगर निगम फरीदाबाद को वर्ष 2020 में सौंपे गए कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों की स्थिति पर चर्चा हुई।
चार साल बीत जाने के बावजूद इन क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ।
- काम की स्थिति पर संतोषजनक जवाब न देना:
मंत्री द्वारा जब इन लंबित परियोजनाओं की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई, तो मुख्य अभियंता कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
इसे उनके कर्तव्य में बड़ी चूक माना गया है।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
सरकार द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है कि कर्दम को संबंधित दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति होगी, लेकिन केवल उन्हीं फाइलों को देखने दिया जाएगा जो इस मामले से सीधे जुड़ी हुई हैं। यदि वे निर्धारित समय के भीतर अपना जवाब नहीं देते हैं, तो इसे उनकी चुप्पी माना जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
इस मामले में फरीदाबाद नगर निगम के उच्च अधिकारियों की भी नजर बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि बीरेंद्र कुमार कर्दम इस पर क्या सफाई देते हैं और सरकार की ओर से इस पर क्या अगला कदम उठाया जाता है।