हिट एंड रन मोटर एक्सिडेंट केस में पीड़ितों और उनके परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक सुव्यवस्थित मुआवजा योजना लागू की है। इसके तहत, दुर्घटना से प्रभावित परिवारों को समयबद्ध आर्थिक सहायता दी जा रही है।
फरीदाबाद के उपायुक्त (डीसी) विक्रम सिंह ने इस संबंध में एक बैठक आयोजित की, जिसमें आरटीए सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता पहुंचाने के लिए नियमों के तहत पूरी सक्रियता से कार्य करें।
Accident दो लाख रुपये तक का मुआवजा
डीसी ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत, यदि हिट एंड रन मामले में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं, यदि दुर्घटना में व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होता है, तो उसे पचास हजार रुपये तक का मुआवजा मिलेगा।
हालांकि, यह मुआवजा केवल उन्हीं मामलों में दिया जाएगा जहां आवेदन नियमानुसार और समय पर किया गया हो।
Accident डीसी ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया गया है।
- दुर्घटना के शिकार व्यक्ति या उनके कानूनी प्रतिनिधि को दुर्घटना स्थल के संबंधित उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) या तहसीलदार के पास आवेदन करना होगा।
- इसके बाद, अधिकारी एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे।
- रिपोर्ट उपायुक्त को भेजी जाएगी, जो 15 दिनों के अंदर मुआवजा जारी करने का आदेश देंगे।
- आदेश के बाद, 15 दिनों के भीतर राशि आवेदक के बैंक खाते में पहुंच जाएगी।
इस बीच, डीसी ने संबंधित अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रत्येक केस की जांच निष्पक्ष और समय पर हो, ताकि पीड़ित परिवारों को किसी तरह की परेशानी न हो।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
डीसी ने यह भी बताया कि मुआवजा के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से भी किया जा सकता है। इच्छुक आवेदक जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।