फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में प्रदूषण का नियंत्रित करने के लिए बीते वर्ष केंद्र सरकार ने पांच चौराहों पर वायु शोधक यंत्र लगाने के दिशा-निर्देश दिए थे और केंद्र सरकार ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर करीब 22 करोड़ रुपये इसी वर्ष मार्च में जारी कर दिए थे। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते नगर निगम अभी तक एक भी प्यूरीफायर नहीं लगा सका है। बीते दिनों केंद्र सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है और एक बार फिर प्रदूषण नियंत्रण के लिए संसाधानों पर एक रिपोर्ट मांगी है।
शहर के सबसे प्रदूषित पांच चौराहों पर लगाने थे वायु शोधक यंत्र
स्मार्ट सिटी के सबसे अधिक प्रदूषित पांच चौराहों पर पहले चरण में पांच वायु शोधक यंत्र लगाने थे। ये वायु शोधक यंत्र हवा में मौजूद जहरीली गैसों को कार्बनडाइआक्साइड में तब्दील कर प्रदूषण को घटाने में मदद करेंगे। यह करीब 24 फुट ऊंचा एक टावरनुमा होगा, जो करीब पांच सौ मीटर के दायरें में हवा को साफ करेगा। बताया गया है कि टावर लगने के बाद उस इलाके में तापमान भी कम होगा। यह हवाशोधक यंत्र प्रदूषित हवा को खीचेंगा और स्वच्छ हवा को बाहर छोड़ेगा। इस पर एक डिजिटल स्क्रीन भी लगी होगी,जो हवा की गुणवत्ता को दिखाएगी।
ऐसे काम करता है वायु शोधक यंत्र
पर्यावरणविद् जगदीश चौधरी बताते हैं कि यह यंत्र प्रदूषण के कणों पीएम 2.5 और पीएम-10 कणों, कार्बन मोनोआक्साइड एवं घुलनशील कार्बनिक पदार्थों को एक फिल्टर द्वारा कार्बनडाइआक्साईड में बदलता है। इसके निर्माताओं का दावा है कि यह ट्रैफिक वाले स्थानों पर पीएम 10 कणों में 60 से 70 फीसदी और पीएम-2.5 कणों में 30 से 40 फीसद की कमी ला सकता है। लेकिन देखना होगा कि फरीदाबाद किस तकनीक और गुणवत्ता के यंत्र लग सकते हैं।