फरीदाबाद। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने में पूर्व छात्रों से योगदान देने के लिए आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र अपने संस्थानों को अपनाएं और विश्वविद्यालय के सरकारी अनुदान को शून्य तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करें। साथ ही विश्वविद्यालय को गुरुकुल पद्वति को अपनाना होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, में ‘पूर्व छात्र मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर केन्द्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक सीमा त्रिखा, नरेंद्र गुप्ता, राजेश नागर, नयन पाल रावत भी मौजूद थे।
भारतीय शिक्षण पद्वति में गुरुकुल रहे हैं आत्मनिर्भर
इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को गुरुकुल पद्वति को अपनाना होगा। भारतीय शिक्षण पद्वति में गुरुकुल आत्मनिर्भर रहे हैं। गुरुकुल अपने संसाधन गुरु दक्षिणा के माध्यम से जुटाते थे। इसी प्रकार, विश्वविद्यालयों को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए पूर्व छात्रों की भूमिका को सक्रिय बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को एक अलग एलुमनाई सेल बनाना चाहिए और पहले बैच से लेकर अब तक का डेटाबेस बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय एवं पूर्व छात्रों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि पूर्व छात्रों में संस्थान के विकास में योगदान देने का भाव उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि यदि सभी विश्वविद्यालय ऐसा करने में सफल होते है तो जल्द ही सभी विश्वविद्यालय सरकारी अनुदान से पूर्ण या आंशिक रूप से मुक्त हो जाएंगे।