बल्लभगढ़। घरेलू क्रिकेट खिलाने के नाम पर एक युवा क्रिकेटर ने अरूणाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों पर 21 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर वसूलने के बाद भी नहीं खिलाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि अब वह उससे 20 लाख रुपये की और मांग कर रहे हैं। जब वह पैसा वापस मांग रहा तो वह उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है। पुलिस ने शुक्रवार देर शाम मामला दर्ज कर लिया है।
आदर्श नगर निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में उसकी मुलाकात अरूणाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के विजय कुमार शर्मा और येब लाला से फरीदाबाद में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान हुई थी। जिसमें उन्होंने उसे फरवरी में सैयद मुश्ताक अली खिलाने का भरोसा दिलाया। जिसके बदले उन्होंने 15 लाख रुपये मांग रखी। उसने उन्हें 6 लाख रुपये नकद दे दिए।
इस बीच इन्होंने उससे उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड ,जन्म प्रमाण पत्र और कैंसिल चैक ले लिए। जिसके बाद इन्होंने 2018-019 के घरेलू टूर्नामेंट के सीनियर्स टूर्नामेंट के लास्ट ट सै द मुश्ताक अली में उसके रजिस्ट्रेशन फार्म के साथ अप्लाईमेंट का फर्जी लेटर बिना उसकी जानकारी के लगा दिया। जिसकी वजह से बाद में बीसीसीआई की वैरीफिकेशन में अप्लाईमेँट लेटर फर्जी पाया गया और उसे आधार बनाकर उपरोक्त आरोपियों ने उसे अधर में पेंडिंग छोड़ दिया।
फिर उसे दिलासा देने के लिए घरेलू सीनियर टूर्नामेंट का कॉर्ड बनाकर दे दिया। इन्होंने सेशन 2018-2019 के खत्म होने के बाद उसे बीसीसीआई की पेडिंग लिस्ट दिखाई और इस तरह से इन्होंने उसका एक साल खराब कर दिया। उसके बाद उसे 2019-2020 के लिए ट्रायल देने व काम किए जाने का भरोसा दिलाया। उसके बाद उसने ट्रायल दिया और वह चयन हो गया।जैसे ही उसका नाम सैलेक्शन लिस्ट में आया। आरेाप है कि विजय शर्मा व येब लाला ने फिर से अपनी मांग रखी।
उन्होंने उससे 2 लाख रूपये नकद और एक स्कूटी, एक लेपटाप व 50 इंच की एलईडी मांगी और उसने उनकी मांग पूरी कर दी। आरोप है कि इन्होने उसका एक एटीएम कॉर्ड भी अपने पास रख लिया। वह समय-समय पर उसके खाते से पैसे निकालते रहे। इधर, फर्जी अप्लाईमेंट का फर्जी लेटर लगाए जाने के चलते बीसीसीआई ने उस पर एक साल का बैन लगा दिया। उसके बाद उसे कोरोना होने के चलते उसे खिलाने से इंकार कर दिया।
इस तरह से दोनों आरोपियों ने उसके तीन साल बर्बाद कर दिए। फिर उससे साल 2021- 2022 के लिए कहा कि इस बार ट्रायल में उनका काम जरूर करा देगें । उसने ट्रॉयल दी और उसका नाम सैलेक्शन सूची में आ गया लेकिन इन्होंने उसे नजरअन्दाज करना शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्होंने फिर से उससे 20 लाख रुपये की मांग रखी। उसे पैसे देने से इंकार कर दिया।