हरियाणा सरकार ने शिक्षा नियमावली में संशोधन करके सीबीएसई, हरियाणा व अन्य बोर्ड के सभी प्राइवेट स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए फॉर्म-6 भरना अनिवार्य कर दिया गया है और सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिया है कि वे उसको ठीक प्रकार से भरकर जमा कराएं।
शिक्षा निदेशालय ने फार्म 6 भरने की अवधि को तीसरी बार बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है पहले यह तारीख 4 मार्च व 15 फरवरी थी। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि बार बार तारीख बढ़ाना पूरी तरह से प्राइवेट स्कूल संचालकों के आगे नतमस्तक होना है। इससे पहले भी सरकार कई बार प्राइवेट स्कूल संचालकों की मांगों के आगे नतमस्तक हो चुकी है।
134a के तहत दाखिला दिलाने की बात, गैर मान्यता प्राप्त अस्थाई स्कूलों को बंद करने की बात, बिना टीसी के छात्रों का सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने की बात नतमस्तक होने के उदाहरण हैं। इन सभी में प्राइवेट स्कूल संचालकों जो कहा हरियाणा सरकार ने उन्ही के हित में फैसला किया है। फार्म 6 भरने के मामले में भी उनकी सब बात मानी जा रही है।
1अप्रैल से शिक्षा सत्र 2022-23 शुरू होने वाला है। स्कूल संचालकों ने इस शिक्षा सत्र के लिए नए दाखिले करके मनचाही फीस बढ़ाकर प्राप्त कर ली है। इसके बाद फार्म 6 जमा होने का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। उसमें लिखी गई बातों, दिए गए फीस के ब्यौरे, टीचरों की तनख्वाह आदि की चेकिंग हो ही नहीं पाएगी।
स्कूल वालों को बहाना मिल जाएगा कि उन्होंने तो फार्म 6 फीस और फंड बढ़ाने के बाद जमा कराया है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बी एस बीरदीने कहा है कि प्रदेश में कुल 9880 प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें 3134 सीनियर सेकेंडरी, 2061 हाई, 3439 मिडिल और 1237 प्राइमरी स्कूल हैं।
अभी हरियाणा के केवल 1500 स्कूलों ने ही फॉर्म-6 जमा कराया है। फरीदाबाद में भी सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड के 500 स्कूलों में से सिर्फ 50-60 स्कूलों ने ही फार्म 6 जमा कराया है। जब कि सभी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले निदेशालय को फार्म-6 भरना अनिवार्य है। जो स्कूल फॉर्म-6 जमा नहीं कराएगा वह स्कूल अगले शैक्षणिक सत्र में फीस नहीं बढ़ा पाएगा।
स्कूल संचालकों ने फार्म 6 जमा कराने से पहले ही फीस बढ़ा दी है। जिसका मंच विरोध कर रहा है। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक जानबूझकर फार्म 6 भरने में देरी कर रहे हैं। जिससे वे फार्म 6 जमा कराने से पहले पुराने अभिभावकों से भी नए शिक्षा सत्र की बढ़ी हुई ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में पैसा वसूल सकें। कैलाश शर्मा ने कहा है कि मंच का लीगल सेल शिक्षा निदेशालय व फार्म 6 जमा ना कराने वाले स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर कार्रवाई कर रहा है।