फरीदाबाद। जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बुधवार को डेंगू के चार नए मरीज सामने आए। इसी के साथ ही कुल संख्या अब 179 हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर की तरह स्वास्थ्य सेवाओं के संसाधन कम पड़ने लगे हैं। छुट्टी के दिन बुधवार को बीके अस्पताल की स्थिति इसकी तस्दीक करती है। इमरजेंसी वार्ड में बेड भर गए। आलम यह था कि इमरजेंसी में एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया गया। यही हाल निजी अस्पतालों का है। मरीज बेड के लिए एक से दूसरे अस्पताल जा रहे हैं।
बुधवार को सरकारी छुट्टी होने की वजह से बीके अस्पताल में ओपीडी बंद रही। इस वजह से संबंधित अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। थोड़ी-थोड़ी देर में यहां मरीज पहुंच रहे थे। इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा थी। अधिकांश मरीज बुखार से पीड़ित थे, जिनकी हालत ज्यादा खराब थी, उनको रेफर कर दिया। जिनकी हालत नियंत्रण में थी तो उनको भर्ती कर लिया गया। इनके अलावा जिनकी इलाज घर रहकर हो सकता था, उनको दवा देकर घर भेज दिया गया। इमरजेंसी में सुबह से लेकर दोपहर तक मरीजों का काफी दबाव रहा।
दयालपुर से 10 साल के अपने बेटे को लेकर आए धर्मपाल ने बताया कि उसके बेटे को बुखार था। बीके की इमरजेंसी में सुबह लेकर आए थे। शाम चार बजे बच्चे की छुट्टी कर दी। उन्होंने एक दिन ओर अस्पतल में भर्ती रखने के लिए डॉक्टर से आग्रह किया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। बाटा से आई सीमा ने बताया कि उनको उल्टी दस्त है, लेकिन यहां भीड़ इतनी ज्यादा है कि कोई उनकी बात सुनने को तैयार नही है।
सुरक्षा और सफाई कर्मी कर रहे मदद
बीके अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की उमड़ी भीड़ को लेकर अफरातफरी का माहौल रहा। मेडिकल स्टाफ और मरीजों की मदद के लिए सफाई कर्मचारी और सुरक्षा कर्मचारी आगे आये। स्ट्रेचर से मरीजों को डॉक्टर के पास पहुंचाया। सुबह के वक्त मरीजों की संख्या ज्यादा होने से स्ट्रेचर भी कम पड़ गए। कोई अपने वाहन से तो कोई ऑटो से मरीज को ला रहा था। डॉक्टर रूम में भी भीड़ को नियंत्रित करने मे कर्मचारी जुटे रहे। हालांकि, सामाजिक दूरी कायम करवाने में सुरक्षा कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी।
सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि बदलते मौसम के साथ बुखार के बढ़ते मरीजों को देखते हुए समुचित व्यवस्था की जा रही है। ताकि इलाज में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। कोरोना की जांच बढाने की भी तैयारी की जा रही है।
निजी अस्पताल में भी बेड फुल
जिले के सरकारी और निजी अस्पताल में करीब चार हजार बेड हैं। कई निजी अस्पताल ऐसे हैं, जिनमें करीब चार सौ बेड हैं। डेंगू और वायरल के प्रकोप के चलते अधिकांश बड़े अस्पतालों में बेड फुल हैं। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरीं लहर के दौरान जिला प्रशासन ने सरकारी और निजी अस्पताल में करीब 3200 बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित किए थे। उसकी अपडेट जानकारी एक पोर्टल पर दी जाती थी।
इनके अलावा करीब आठ सौ बेड अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए रखे गए थे। बहरहाल, अब अधिकांश बेड फुल हैं। निजी अस्पतालों का प्रबंधन भी इनकी पुष्टि कर रहा है। परिजन नर्सिंग होम में जा रहे है। वहां उनको बेड भी मिल रहे हैं और निजी बड़े अस्पताल के मुकाबले इलाज भी सस्ता मिल रहा है।सर्वोदय अस्पताल के प्रवक्ता नवीन ने बताया कि डेंगू और वायरल के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इसके चलते अस्पताल में सभी बेड फुल हैं।