फरीदाबाद। जिले में डेंगू के मरीजों के आने का सिलसिला थम नही रहा है। सोमवार को डेंगू के चार नए मरीज आए। इसी के साथ संबंधित बीमारी के रोगियों की संख्या 246 हो गई है। इसके अलावा मलेरिया का कोई मरीज नही आया। मलेरिया के मरीजों की संख्या 9 हो गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया अधिकारी डॉक्टर रामभगत ने जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी है।
बता दें डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। इसलिए, बरसात के महीनों में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो दुनिया के लाखों लोगों को प्रभावित करती है। बीमारी का जल्द पता लगने से डेंगू के उपचार में समय पर देखभाल करने में मदद मिलेगी। इसलिए, जब डेंगू के खिलाफ सुरक्षा की बात आती है, तो लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है। काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।