फरीदाबाद: प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए फरीदाबाद में सोमवार को परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश में 3 मार्च तक सभी एक्सपायर वाहनों को जब्त करने अल्टिमेटम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन चलाने वाले लोग या तो अपने वाहनों को स्क्रैप करा लें या फिर ऐसे वाहनों को एनसीआर रीजन से बाहर भेज दें। पुलिस विभाग को भी तेजी से ऐसे वाहनों को जब्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुराने वाहनों को डंप करने के लिए जिले में डंपिंग यार्ड बनाने के निर्देश भी बीते मंगलवार को जारी किए गए है।
इंपाउंड करने का मिला टारगेट
पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने जिले के सभी ट्रैफिक, थाना व चौकी प्रभारियों के लिए 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। आदेश के मुताबिक, अब प्रत्येक थाने में रोजाना तीन और चौकी को दो पुराने वाहन जब्त करने का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह यातायात पुलिस को एक सप्ताह के भीतर सौ पुराने वाहन जब्त करने का लक्ष्य दिया गया है। इस आदेश के बाद सभी थाना, चौकी व यातायात पुलिस सक्रिय हो गई है। आपको बता दें कि,यातायात पुलिस इस साल नवंबर तक 150 से अधिक वाहन जब्त भी कर चुकी है।
तैयार होगा डंपिंग यार्ड
इस फैसले के बाद पुराने वाहन बड़े स्तर पर जब्त किए जाने हैं। ऐसे में इन्हें एर जगह जमा करना भी पुलिस प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती होगी। इसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा ने सभी डीसीपी को अपने क्षेत्र में जब्त किए जाने वाले पुराने वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह चिह्नित करने के लिए कहा है। जब्त किए गए वाहन थाना चौकी में खड़े नहीं किए जा सकेंगे साथ ही वहां इतनी जगह भी नहीं है।
वाहनों को करवा लें स्क्रैप
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, जब्त किए वाहनों का क्या करना है, यह अभी स्पष्ट नहीं है पर, जिस मालिक के यह वाहन होंगे उन्हें अपना वाहन छुड़ाना बहुत मुश्किल होगा। बाद में पुलिस इन वाहनों की बोली लगाकर कबाड़ में बेच सकती है। लोगों को अपने पुराने वाहन को वापस पाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके साथ उन्हें वाहन सड़क पर चलाने की अनुमति भी नहीं होगी। इसलिए बेहतर होगा कि, वाहनों को सड़क पर उतारने की जगह स्क्रैप पॉलिसी को अपनाया जाए।
96 हजार है एक्सपायर्ड वाहनों की संख्या
पूरे दिल्ली-एनसीआर में 2.87 लाख वाहन पेट्रोल तो 3.07 लाख वाहन डीजल के हैं जो पुराने हैं। इनमें फरीदाबाद में करीब 40 हजार पेट्रोल व 56 हजार डीजल वाहन हैं, जो समयसीमा पार कर चुके हैं और फिर भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे में हम रोजाना सांस के जरिए बहुत ज्यादा प्रदूषण अपने फेफड़ों में ले रहे हैं। वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैस सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण आरएसपीएम (रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) व एसपीएम (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) इसमें इजाफा कर रहे हैं।
इंपाउंड के नाम पर हो रही है खानापूर्ति
पुलिस ने इस साल 22 नवंबर तक 210 डीजल व 126 पेट्रोल वाहनों को इंपाउंड किया है। इस साल मार्च, मई, जुलाई और अगस्त में एक भी वाहन इम्पाउंड नहीं किया गया है। कई महीनों में महज एक-एक वाहन खानापूर्ति के लिए जब्त किए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस को कार्रवाई की याद सिर्फ और सिर्फ यातायात माह या फिर सड़क सुरक्षा सप्ताह में ही आती है। इसके साथ ही अब जब एनजीटी व परिवाहन विभाग से फटकार पड़ रही है तो पुलिस व ट्रैफिक विभाग को इन वाहनों की याद आ रही है।