फरीदाबाद एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर दायरे में रह रहे नागरिकों को उनका हक दिलाने का सपना आखिरकार पूरा होता हुआ नजर आया। साथ ही मूलभूत समस्याओं से जूझ रही जनता को न्याय दिलाने का, बंद पड़े बिजली मीटरों को चालू करवाने का, रजिस्ट्रियां खुलवाने का, 100 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगो को इंसाफ दिलाने का विधायक नीरज शर्मा ने बखूबी किया। उन्होंने सरकार के लो लेवल से लेकर हाई लेवल तक के अधिकारियों और मंत्रियों को इस मामले में चिट्ठी तक लिखी।
इस जंग की शुरुआत हुई विधानसभा के बजट सत्र से, प्रश्नकाल के दौरान विधायक द्वारा एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर दायरे पर भू.संपत्तियों की रजिस्ट्री पर लगे रोक का प्रश्न उठाया गया जिसके तहत विधायक नीरज शर्मा ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि माननीय न्यायलय द्धारा सिर्फ अवैध निर्माण पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई हुई है। इस मामले को लेकर विधायक नीरज ने फरीदाबाद एयरफोर्स स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन कमांर को चिट्ठी लिखा कि सीपीसीबी ने इस क्षेत्र को प्रदूषण हॉटस्पॉट के तौर पर बताया। उन्होंने 2020 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी इस मामले में चिट्ठी लिखी। साथ हीसाल 2021 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्तीय आयुक्त राजस्व, हरियाणा तक को चिट्ठी लिखकर इस गंभीर समस्या से अवगत कराया।
राजनाथ सिंह से की मुलाकात
समय पर समस्या का निदान न होता देख विधायक नीरज शर्मा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय लिया और उनसे मिलकर इस समस्या को उनके साथ साझा किया। अपने इस प्रयास को उन्होंने लगातार जारी रखा। हर दरवाजा खटखटाया, सभी मुकम्मल जगहों पर बैठक की गई, राज्य से लेकर केंद्र सरकार में बैठे अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगाई गई। आखिरकार संघर्ष की विजय हुई, 100 मीटर दायरे में रह लोगों को न्याय मिला, जो वादा विधायक नीरज शर्मा ने वहां के लोगों से की थी उस वादे को पूरा कर दिखाया। बिजली मीटर के नए कनेक्शन चालू हुए, मोटेशन फिर से होने लगे, रजिस्ट्रियां खुल गई, विधायक के संघर्ष के कारण सरकारी हठ को टूटना पड़ा, सरकार को लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचानी पड़ी।
बेपरवाह अधिकारियों के चलते जनता होती है परेशान
इस पूरे मामले को लेकर विधायक नीरज शर्मा का मानना है कि जब नौकरशाह से लेकर नेता तक जनता के लिए अपने दफ्तरों में बैठे हैं, जनता और देश के विकास के लिए ही उन्होंने संविधान की शपथ ली है फिर इतना लंबा संघर्ष क्यों? कुछ बेपरवाह अधिकारियों और सरकारी लचरता का भुगतान जनता ने क्यों भुगता? नीरज शर्मा कहते हैं कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार होती तो इतना संघर्ष नहीं करना पड़ता। कांग्रेस जमीन से जुड़े रहकर जमीनी मुद्दों पर बात करने वाली जन जन की पार्टी है। यहां न्याय सिर्फ शब्द नहीं सभी का हक है।