फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी में खुले में कूड़ा फेंकने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। 15 नवंबर से कूड़ा बाहर फेंकने वालों के चालान काटे जाएंगे। साथ ही ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक वार्ड में तीन कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा घर-घर जाकर कूड़ा उठाने के लिए 110 नए वाहन उतारे जाएंगे। रविवार को नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने सभी 40 वार्डों की गठित कमेटियों के सदस्यों के साथ अलग-अलग इलाकों में स्वच्छ बनेगा फरीदाबाद अभियान की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए।
इस दौरान वार्ड-32 की कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा की गई कि आम लोग भी कूड़ा इकोग्रीन की गाड़ी में देने के बजाए बाहर फेंक देते हैं। कुछ लोग बाजार और सड़कों पर कूड़ा फेंकते हैं। इस पर नगर निगम आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक वार्ड में तीन कर्मचारियों को सिर्फ चालान करने के लिए तैनात किया जाएगा। 15 नवंबर से कूड़ा बाहर फैकने वालों के चालान शुरू कर दिए जाएंगे। किसी भी तरह की कानूनन अवहेलना होने पर चालान किया जाएगा। नगर निगम की जमीन और सार्वजनिक स्थलों पर पर कब्जे, सड़कों पर अतिक्रमणों को हटाने का अभियान भी कमेटी की सलाह पर शुरू किया जाएगा।
कूड़ा उठाने के लिए नए वाहन मिलेंगे
बैठक में यह भी बताया गया कि घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए इकोग्रीन कंपनी ने करीब 110 नए छोटे ट्रैक्टर खरीदे हैं, जिन्हें बुधवार से बेड़े में शामिल किया जाएगा। इससे कचरा प्रबंधन में सुविधा होगी। फिल्हाल घर-घर से कूड़ा उठाने वाली इकोग्रीन कंपनी के पास करीब 275 छोटी गाड़ियां हैं, जिनमें से करीब 70 गाड़ी खराब हैं। अब इन नए ट्रैक्टरों के शामिल होने से घर-घर से कूड़ा अधिक इलाकों से उठ सकेगा। अभी तक करीब 67 फीसदी घरों से ही कूड़ा उठाया जा रहा है। जो इसी महीने बढ़कर करीब 90 फीसदी घरों से प्रतिदिन नियमित रूप से कूड़ा उठाया जा सकेगा।
स्मार्ट सिटी को कचरा मुक्त बनाने का संकल्प लिया
नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने स्मार्ट सिटी को कचरा मुक्त करने का संकल्प लोगों से लिया। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद को 31 मार्च 2022 तक कचरामुक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए सभी नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। समीक्षा बैठक में वार्ड कमेटियों के सदस्यों से कहा कि सभी कमेटियां अपने-अपने वार्डों को कचरा मुक्त करने के लिए काम करें और प्रतिदिन कार्य की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ बनेगा फरीदाबाद अभियान से सीधे तौर पर नगर निगम कर्मचारी और वार्ड कमेटियों के सदस्य मिलाकर करीब 5000 लोगों के साथ स्मार्ट सिटी को कचरा मुक्त करने का संकल्प लिया है। इसमें अब आम लोग लगातार जुड़ रहे हैं। नगर निगम आयुक्त ने विभिन्न इलाकों में जाकर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर उनके साथ उपमहापौर मनमोहन गर्ग और अलग-अलग वार्डों के पार्षद मौजूद रहे।
वार्ड कमेटियों में वार्ड के लोगों को शामिल किया गया
पार्षद की अध्यक्षता में प्रत्येक वार्ड में कमेटियों के गठन का काम पूरा किया जा चुका है। सभी कमेटियों में बीस-तीस लोगों को शमिल किया गया है। इस कमेटी में सरकार का एक अधिकारी, सीएसआर पार्टनर, स्वयंसेवक, सदस्य एवं स्वयंसेवी संगठनों को शामिल किया गया है। वार्ड के कनिष्ठ अभियंता को कमेटियों का सचिव नियुक्त किया गया है। कमेटी को वार्ड में सफाई और विकास कार्यों के पर्यवेक्षण का अधिकार दिया गया है। इन कमेटियों के माध्यम से नगर निगम ने अपने कार्य का विकेंद्रीकरण किया है। ताकि नागरिकों को संबंधित सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। सभी वार्ड कमेटियों की बैठक प्रत्येक माह पहले रविवार को हुआ करेगी।
लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रम भी आवश्यक
नगर निगम आयुक्त ने कहा कि इस दौरान लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रम भी जारी रहने चाहिए। कूड़ा उठाने वाली सभी गाडियों के माध्यम दिशा-निर्देशों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके तहत हर घर से गीला एवं सूखा कूड़ा अलग करने के लिए जागरूकता होनी चाहिए। सड़कों गलियो और बाजारों में अलग-अलग रंगों के कूड़ेदान रखवाने चाहिए। इस कार्य को वार्ड कमेटियां आसानी से कर सकेगी।
डेयरियों से निकलने वाला गोबर बड़ी समस्या
डेयरियों से निकलने वाला गोबर स्मार्ट सिटी के स्वच्छता अभियान में बड़ी समस्या है। पशुपालक गोबर को सीवर और नालियों में बहा देते हैं या फिर खाली जगहों पर फैंक देते हैं। रात में सड़कों के किनारे या खाली जगह या पार्कांे में गोबर को फैंका जाता है। इसलिए इन डेयरी संचालकों के चालान काटें जाएगे और गोबर को सीेधे डेयरी से उठाकर इसका निस्तारण किया जाएगा। इसी प्रकार कुछ लोग कचरे को नाली या सीवर में डाल देते हैं।
खोरी में लगेगा भवन निर्माण सामग्री के निस्तारण का संयंत्र
नगर निगम आयुक्त ने कहा कि भवन निर्माण के दौरान पैदा होने वाले मलबे की समस्या के समाधान के लिए खोरी में एक मलबा निस्तारण प्लांट लगेगा। इसके बाद बाद निर्माण एवं तोड़फोड़ के दौरान निकलने वाले मलबे को उठाकर वहां निस्तारण के लिए भेजा जा सकेगा। इससे शहर में जगह-जगह फैले मलबे से मुक्ति मिलेगी।