फरीदाबाद। सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर सोमवार को ओपीडी बंद रखेंगे। इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की तो फिर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान ओपीडी के साथ-साथ आपतकालीन सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। ऑपरेशन, पोस्टमार्टम आदि कार्य नहीं किए जाएंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम दिए ज्ञापन में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन ने एक बार फिर यह ऐलान कर दिया है। एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान डॉक्टर जसबीर सिंह पवार ने इसकी पुष्टि की है।
बीके अस्पताल में दो हजार मरीजों की बढ़ेगी परेशानी
सोमवार को ओपीडी बंद रहने से जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बीके में करीब दो हजार मरीजों की परेशानी बढ़ जाएगी। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भी हड़ताल होने की वजह से उपचार के लिए मरीजों के सामने निजी अस्पताल, नर्सिंग होम ही विकल्प होगा। अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो फिर आपरेशन, आपतकालीन जैसी सेवा नहीं मिलने से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा जाएंगी। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर चिंता में हैं। ऐसी स्थिति में कैसे वैकल्पिक व्यवस्था मरीजों को दी जाए, इस पर मंथन किया जा रहा है। फिलहाल दांत रोग एक्सपर्ट को ओपीडी में बैठाने पर विचार किया जा रहा है। जिले में इनकी संख्या करीब पांच है।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर जसबीर सिंह पवार ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक में उनकी पूरी बात नहीं सुनी और डॉक्टरों से कहा कि जो उनको करना है वे करें। पवार का कहना है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सिर्फ तीन से पांच मिनट दिए। पवार का आरोप है कि संबंधित अधिकारी का व्यवहार डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने के लिए उकसाने वाला जैसा था। उनका कहना है कि संबंधित अधिकारी के व्यवहार से डॉक्टर आहत हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान अगर कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी जिम्मेदार होंगे।सीमाओ डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर मंथन किया जा रहा है। जिले में पांच दंत रोग विशेषज्ञ हैं। फिलहाल उनको ओपीडी में बैठाने पर विचार किया जा रहा है।