फरीदाबाद। कोविड महामारी के बीच चल रही ऑनलाइन शिक्षा के चलते पिछले दो सालों में छात्र गणित विषय में फिसड्डी होते जा रहे हैं। आलम ये है संसाधनों के अभाव में कक्षा में 60 से 70 फीसदी तक छात्र गणित के सवालों में उलझकर रह गए हैं। जिले के स्कूलों में सामने आ रहे परिणामों से ये साफ हुआ है। वहीं अमेरिका में शैक्षिक अध्ययन करने वाले एनडीईए ने भी साबित किया है कि गणित विषय में छात्र चार गुना तक पिछड़े हैं।
स्कूल से दूरी ने बढ़ाई सीखने की क्षमता
गौरतलब है कि कोविड महामारी के बाद से स्कूली छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं मार्च 2020 से स्कूली छात्रों की पढ़ाई बाधित है। वहीं पहली से आठवी तक के छात्रों के लिए तो स्कूल काफी कम समय के लिए ही खोले गए हैं। ऐसे में स्कूल से दूरी छात्रों की सीखने की क्षमता पर भारी पड़ती दिख रही है। जिला फरीदाबाद की बात करें तो प्रदूषण और कोविड के चलते भी पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित रही है।
छात्र मूल्यांकन परीक्षा में भी पिछड़े
सरकारी स्कूलों में छात्रों के मूल्यांकन के लिए छात्र मूल्यांकन परीक्षा (सैट) कराई जाती है। इसमें भी ज्यादातर स्कूलों में गणित विषय में छात्रों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। कई स्कूलों में तो सैट परीक्षा में सिर्फ 25 से 30 फीसदी छात्र ही सवालों के जवाब हल कर पाए हैं। इसके साथ ही अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों में भी छात्रों का प्रर्दशन पहले के मुकाबले खराब हुआ है स्कूल शिक्षकों की मानें तो ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से सीधा असर पड़ा है।
संसाधनों की कमी है बड़ी वजह
ऑनलाइन शिक्षा के दौरान संसाधनों की कमी छात्रों के पिछड़ने की कमी की सबसे बड़ी वजह है। सरकारी स्कूलों में ये दिक्कत ज्यादा बड़ी है। इसे दूर करने के लिए जिला स्तर पर शिक्षकों ने पुराने मोबाइल जमा कर छात्रों को वितरित करने की दिशा में काम किया था। वहीं कई शिक्षक छात्रों को घर जाकर भी पढ़ाने में जुटे हैं।
गणित विषय ज्यादातर छात्रों को मुश्किल लगता है। कक्षा में सीधे संवाद होने से काफी हद तक परेशानी दूर हो जाती है। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में संसाधनों की कमी बड़ी बाधा है। 70 से 80 फीसदी छात्रों के पास मोबाइल ही नहीं है। ऐसे में पिछले दो सालों में छात्रों का काफी नुकसान हुआ है। सितंबर-अक्तूबर में हुए सैट में भी प्रदर्शन में गिरावट आई थी।