फरीदाबाद। जिला फरीदाबाद निवासियों को जमीन या प्लाट का खसरा नम्बर और गिरदावरी से संबंधित किसी भी प्रकार की भूमि के रिकॉर्ड को निकालने के लिए तहसील व पटवारियों से चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक क्लिक पर ही सारा को रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को एक क्लिक करके प्रदेश के सभी 22 जिलों के भूमि के डिजिटल रिकॉर्ड रूम का लोकार्पण किया, जिसमें फरीदाबाद भी शामिल है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इसका पायलट प्रोजेक्ट 2017 में कैथल में शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड नहीं ढूंढ पाने की वजह से कोर्ट के आदेश पर कैथल के एक क्लर्क को एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा था। वह घटना ही इस योजना को शुरू करने की आधार बनी। रिकॉर्ड रूम पर तैनात कर्मचारी कंप्यूटर पर देखकर उसी समय आवेदक को जमीन की नकल या फरद निकालकर दे देंगे, जबकि पहले इस काम में 7 से 10 दिन का समय लगता था। जिला फरीदाबाद का जिला स्तर पर पूरा भूमि रिकॉर्ड डिजिटल तैयार कर लिया गया है। अब जरूरत वाली भूमि का डिजिटल साइन किया गया भूमि रिकॉर्ड आपके हाथों में होगा।
यह एक क्रांतिकारी कदम : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का यह एक ऐतिहासिक कदम है। देश के अन्य प्रांत भी इसका अनुसरण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हरियाणा के इस क्रांतिकारी कदम की प्रशंसा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में जमीन के बहुत से विवाद हैं। इसके अलावा अन्य कार्यों के लिए भी बार-बार लोगों को भूमि के रिकॉर्ड की आवश्यकता पड़ती रहती है।
100 सालों से पुराने रिकॉर्ड को रखना चुनौती का काम
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 100 सालों से पुराने रिकॉर्ड को रखना चुनौती का काम था। सरकार द्वारा पिछले 100 से 150 वर्ष पुरानी इमारतों का रिकॉर्ड भी ऑनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज 11 डीआईएस लैब का उद्घाटन भी किया है। यह भी एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों में 18 करोड़ 70 लाख डॉक्यूमेंट डिजिटल करने का काम सरकार द्वारा किया गया है।