फरीदाबाद। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं शुरू की गई है। इन्हीं योजनाओं में से एक योजना मेरी पाँलिसी मेरे हाथ के माध्यम से किसानों को लाभांवित किया जाएगा। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/पीएमएफबीवाई के तहत 75 वें आजादी का अमृत महोत्सव पर मेरी पाँलिसी मेरे हाथ शुरू की गई है। यह योजना भी किसानों की आय दोगुना करने में कारगर साबित होगी। इसके लिए अधिक जानकारी लेने के लिए किसानों को टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 भी जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि, जल भराव,बादल फटना पानी से खराबी सूखा होने सहित अन्य गांव के तहत किसानों की फसलों का बीमा सरकार द्वारा किया जा रहा है।
डीसी जितेंद्र यादव ने यह जानकारी देत हुए बताया कि इसके अंतर्गत किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय, सीएसी, बैंक या इंश्योरेंस कंपनी एजेंट से संपर्क करें। अपनी खेती का पूरा विवरण के अधिसूचित फसलों, बीमित राशि और अपने गांव में योजना के लिए अंतिम तिथि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिससे समय पर सरकार के द्वारा इन्हें लाभ पहुंचाया जा सके।
कृषि उपनिदेशक डाँ. महाबीर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने ‘मेरी पाँलिसी-मेरे हाथ’ पोर्टल के तहत किसानों द्वारा फसल का पंजीकरण का कार्य शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो किसान पोर्टल पर रबी सीजन की फसलों का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं वे अपनी रबी की फसलों का ब्यौरा इसमें दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने बताया बताया कि सरकार ने प्रत्येक किसान की फसल का पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर करवाना अनिवार्य किया हुआ है। इसका उद्देश्य किसानों को फसल बेचने में सुविधा पहुंचाने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं का सीधे लाभ भी देना है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने अपनी फसलों पर कोई भी ऋण नहीं लिया है। उन द्वारा फसल बीमा लेने के लिए भूमि स्वामित्व के दस्तावेज और अन्य जरूरी प्रमाण पत्र यदि खेत बटाईदार या किराए पर ली गई भूमि की स्थिति में भूमि के मालिक के साथ अनुबंध/किराया नामा इत्यादि दस्तावेज पूरे का करवाने जरूरी है।
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र के दृष्टिकोण के आधार पर बीमा इकाई का चयन किया जाएगा। राज्य सरकार प्रमुख फसलों के लिए ग्राम पंचायत या किसी अन्य समकक्ष इकाई जैसे राजस्व विभाग का हल्का पटवारी आदि और लघु फसलों के लिए जिला तालुका या इसके समकक्ष इकाई को बीमा इकाई के रूप में सूचित कर सकती है। उन्होंने आगे बताया कि स्थानीय आपदाओं में फसल में नुकसान होने पर सूचना दर्ज करवाने की प्रक्रिया के तहत प्रभावी किसान को आपदा के 72 घंटे के अंदर सीधा बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या फसल इंश्योरेंस एप्स पर अथवा लिखित में अपने बैंक, कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से सूचित करवाना आवश्यक है।
जिसमें किसान का मोबाइल नंबर, अधिसूचित पटवार सर्किल, बैंक का नाम, बैंक का खाता संख्या आपदा का प्रकार प्रभावित फसल की सूचना अंकित होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि, जल भराव,बादल फटना पानी से खराबी सूखा होने सहित अन्य गांव के तहत किसानों की फसलों का बीमा सरकार द्वारा किया जा रहा है।