प्रदूषण से कैसे मिले छुटकारा, प्रदूषण फैलाने वाली कंपनीयों को जमीन देना नहीं चाहती सरकार

faridabad news

फरीदाबाद स्मॉल स्केल पॉल्यूशन कंट्रोल कोऑपरेटिव सोसाइटी के 52 प्लॉट धारक पिछले 20 साल से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2004 में चौटाला सरकार द्वारा इलेक्ट्रोप्लेटिंग ज़ोन की स्थापना के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी,

जिसमें प्लॉट धारकों से 10% एडवांस राशि जमा कराई गई थी। लेकिन न तो अब तक उन्हें उनके प्लॉट मिले हैं और न ही उनकी जमा राशि वापस की गई। इस गंभीर मुद्दे पर ग्रीवेंस कमेटी की सुनवाई 13 जनवरी को हुड्डा कन्वेंशन हॉल में होगी।

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अब तक प्लॉट धारकों को उनकी जमीन नहीं मिली, और जमा की गई राशि भी वापस नहीं की गई। हाल ही में HSIDC ने इन प्लॉट्स को 70,000 रुपये प्रति गज के रिज़र्व प्राइस पर नीलामी के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। व्यापारियों का आरोप है कि सरकार ने 20 साल तक उनकी मांगों को अनसुना किया।

फरीदाबाद स्मॉल स्केल पॉल्यूशन कंट्रोल कोऑपरेटिव सोसाइटी के उप-प्रधान सुनील शर्मा ने इस मुद्दे पर गहरी नाराज़गी जताई। व्यापारियों का कहना है कि यह न केवल उनके हक का हनन है, बल्कि सरकार की नीतिगत असफलता को भी दर्शाता है।

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उद्यमी रविन्द्र वशिष्ठ ने ये मुद्दा ग्रीवेंस की मीटिंग में उठाया था , जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रीवेंस मीटिंग में प्लॉट धारकों को आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 13 जनवरी को हुड्डा कन्वेंशन हॉल में ग्रीवेंस कमेटी इस मामले पर सुनवाई करेगी। व्यापारियों को उम्मीद है कि पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह उनकी आवाज सुनी जाएगी और उन्हें न्याय मिलेगा।

व्यापारियों की मुख्य मांगें हैं – नीलामी प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए, 52 प्लॉट धारकों को उनका हक दिया जाए और 20 साल के लंबे इंतजार के लिए सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाए।

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व्यापारियों ने सरकार की संजीदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ 20 साल से लटकी योजना है और दूसरी ओर प्लॉट की नीलामी शुरू कर दी गई है, जो उनके विश्वास को तोड़ने जैसा है।

इस अवसर पर सुनील शर्मा उप प्रधान फरीदाबाद स्मॉल स्केल पॉल्यूशन कंट्रोल कोआपरेटिव सोसाइटी , देव दत्त कौशिक , राजेश खुराना, संजीव अग्रवाल, राजेश माहेश्वरी, राहुल चौहान, मौजूद रहे

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