चंडीगढ़, 21 दिसम्बर। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने आज एक बयान जारी कर बल्लभगढ़ स्थित मिल्क प्लांट के बारे में स्तिथि स्पष्ट करते हुए कहा कि इस मिल्क प्लांट को बल्लभगढ़ से शिफ़्ट करने का कोई इरादा नहीं है। लोगों की मांग पर इस मिल्क प्लांट को शहर से बाहर करने का मामला विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि बलभगढ़ के आसपास ज़मीन मिलती है तो इस प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा। बावल में मिल्क प्लांट स्थापित करने का मामला इससे अलग है। बावल में एक नया मिल्क प्लांट लगाने का मामला विचाराधीन है। बल्लभगढ़ मिल्क प्लांट को बावल या रेवाड़ी में शिफ्ट करने का कोई मामला विचाराधीन नहीं है।
बता दे क्षेत्र के किसानों (Farmers) को रोजगार देने के मकसद से बल्लभगढ़ में 31 जुलाई, 1979 को करीब 16 एकड़ में वीटा डेयरी मिल्क प्लांट बनाया गया था. प्लांट के तहत 400 गांवों में समितियां काम कर रही हैं। सात से आठ हजार किसान दूध बेचकर लाभ उठा रहे हैं। इसमें रोजाना एक लाख लीटर से अधिक दूध की सप्लाई होती है। इसमें दूध के अलावा दही, छाछ, घी और अन्य प्रोडक्ट बनाए जाते हैं।
गौरतलब है की हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कॉपरेटिव फेडरेशन (HDDCF) के तहत आने वाले वीटा मिल्क प्लांट (Vita Milk Plant) को बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) से शिफ्ट करने की अफवाह तेजी से फेल रही थी। जिसके बाद इस मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने इसे लेकर खट्टर सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि सरकार इस प्लांट को बावल (रेवाड़ी) के बिदावास गांव में स्थानांतरित किया जाएगा।
प्लांट शिफ्ट करने के मुद्दे का विरोध कर रहे करण सिंह दलाल ने कहना था कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल इसे अपने क्षेत्र में जा रहे हैं, क्योंकि फरीदाबाद का राजनीतिक नेतृत्व कमजोर है। सरकार में शामिल लोग इसकी पुरानी मशीनरी बेचने और नई खरीदने में अपना पैसा बनाएंगे। लेकिन इन्होंने यहां के किसानों और प्लांट में कार्यरत कुल 700 कर्मचारियों को परेशान कर दिया है। क्षेत्र की जनता इस प्लांट को यहां से किसी भी सूरत में स्थानांतरित नहीं होने देगी।