फरीदाबाद, 16 फरवरी। डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला में धूम्रपान निषेध अधिनियम (कोटपा) के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने और सिगरेट की खुली बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कोटपा के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। डीसी ने कहा कि सिगरेट एवं अदर तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 के तहत कैद/जुर्माना लागाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर और कोपटा के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
नियमानुसार होटल, रेलवे निजी कार्यालय, बस अड्डे, सिनेमा हॉल, विद्यालय, महा-विद्यालय आदि सभी सार्वजनिक स्थानों की सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थान के स्वामी, प्रबन्धक अथवा प्रभारी आदि द्वारा धूमपान नही होने देना। सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार ‘धूमपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम, फोन नंबर लिखा होना जरूरी है। सार्वजनिक स्थान पर ऐश-ट्रे, लाईटर, माचिस इत्यादि धूमपान के प्रमाण पाए जाने पर तंबाकू उत्पादों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से उल्लंघन करने पर दो वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है। किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पम्फलेट, स्टिकर होटिंग इत्यादि द्वारा विज्ञापन करने पर 1000 रुपए तक जुर्माना तम्बाकू उत्पादों का प्रचार (Promotion) अधिनियम में शामिल है। यह उलघंन करने पर 5 वर्ष के कारावास का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि तंबाकू कपनियों से प्रायोजन/Sponsorship लेना भी शामिल है। कोपटा की हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये की धनराशि तक का जुर्माना और तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक धनराशि का प्रावधान किया गया है।
शैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना, उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना जिस पर अधिनियम निर्माता हेतु दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2016 में प्रथम बार दो वर्ष तक की कैद सजा भी सुनाई गई है।
इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ अधिनियम या 5000 रुपए तक जुर्माना अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी या दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना खुली सिग्रेट, बोड़ी अथवा अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने पर विक्रेता को दण्ड प्रथम बार 1 वर्ष तक की कैद तथा/या 1000 रुपये तक जुर्माना शामिल है।इसी प्रकार 2 वर्ष तक की कैद द्वितीय बार तथा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को नियमित रूप से न चलाने पर प्रावधान है। जुनायल जस्टिस एक्ट (2015) (बाल न्याय अधिनियम-2015) के अंतर्गत अव्याक को तंबाकू उत्पाद बेचने/पेश करने पर कार्यवाही करना। प्वाइजन एक्ट (विध अधिनियम) के अंतर्गत ई-सियेट व हुक्का बार पर कार्यवाही करना शामिल हैं।
मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत गाड़ी/वाहन चलाने पर में सिगरेट पीने पर कार्यवाही करना शामिल है। काला- बाज़ारी के अंतर्गत तंबाकू विक्रेताओं पर नकेल कसना भी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम- 2006 में शामिल है।
कोटपा की जिला नोडल अधिकारी डाँ. नरिन्दर कौर ने बताया कि फरीदाबाद में गत माह में 129 लोगों के कोटपा के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने पर चालन काट कर उनसे 6250 रूपये की धनराशि वसूली गई है।
डॉ. नरिन्दर कौर ने आगे बताया कि कि जिला फरीदाबाद के लिए तंबाकू निषेध केंद्र का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता ने गत 14 फरवरी 2022 को पीएमओ नागरिक/ सिविल/बीके अस्पताल डॉ सविता यादव की उपस्थिति में किया था। यह केंद्र में जो लोग इस नशे की आदत को छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत मदद करेगा। मदद मांगने वालों के लिए सिविल अस्पताल (कमरा नंबर 23) में एक काउंसलर उपलब्ध रहेगा। ऐसे लोगों के लिए जल्द ही वर्निसिलिन जैसी दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने सभी अधिकारियों/प्रभारी से अनुरोध है कि जरूरतमंदों विशेषकर जो युवा हैं और धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक हैं उन्हें टीसीसी को भेजें। यहां एक ही छत के नीचे मानसिक और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। यह जिला को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में एक छलांग है और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है।