रामलीला में राम वनवास की लीला का मंचन किया गया जिसमें सभी की आंखों से आंसू छलक पड़े। रामलीला में दशरथ द्वारा राम के राजतिलक की घोषणा के बाद रानी कैकेयी मंथरा के बहकावे में आकर राजा दशरथ से अपने दो वरदान मांग लेती है। मंच पर रानी कैकई राजा दशरथ से कहती है – हे प्रियतम, आप मांग-मांग तो कहा करते हैं, पर देते-लेते कभी कुछ भी नहीं, आपने दो वरदान देने को कहा था, उनके भी मिलने में संदेह है। इसमे भरत को राजतिलक व राम को 14 वर्षों का वनवास मांगती है। राजा दशरथ पर वज्रपात होते हैं, लेकिन वचन का पालन करने से न चाहते हुए भी राम को वनवास भेजना पड़ता है। भगवान राम का किरदार अनिल भाटिया ने निभाया।
यह दृश्य था जागृति रामलीला कमेटी, 2 ई-पार्क द्वारा रंगमंचीय रामलीला के पांचवें दिन बुधवार को लीला में राम, लक्ष्मण, सीता को वनवास की लीला का मंचन किया गया। तालियों से दर्शकों ने कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।
इस मौके पर अतिथियों के रूप में धार्मिक सामाजिक संगठन के प्रधान जोगेंद्र चावला, कंवल खत्री, प्रदीप खत्री, दलजीत सिंह, उग्रसेन भाटिया, अशोक भाटिया, हरीश, राजेश भाटिया आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे, जिनका जागृति रामलीला कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया व मोहन सिंह भाटिया ने बुके देकर सम्मानित किया।
रामलीला के संचालन डायरेक्टर ओमप्रकाश तथा प्रदीप ने बताया कि रामलीला का मंचन 14 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसमें 7 को भरत विलाप, 8 को सीता हरण, 9 को हनुमान मिलन व बाली वध, 10 को लंका दहन, 11 को अंगद संवाद, 12 को लक्ष्मण मूर्छा, 13 को कुम्भकर्ण-मेघनाथ वध तथा 14 अक्टूबर को रावण वध व भगवान श्रीराम के राजतिलक का मंचन किया जाएगा।