Online Investment Scam 3.47 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। कैसे हुआ 3.47 करोड़ रुपये का फ्रॉड?
शिकायतकर्ता, जो गांव मच्छगर का निवासी है, ने बताया कि 2015 में उसे IDBI फेडरल बैंक से एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने राजेश मेहरा के नाम से खुद को बैंक का प्रतिनिधि बताया।
इस दौरान, उसने शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया कि उसकी तीन मौजूदा पॉलिसियों पर रिटर्न बहुत कम है। यदि वह एक नई इन्वेस्टमेंट पॉलिसी लेता है, तो उसे दोगुना मुनाफा मिलेगा।
शिकायतकर्ता शुरुआत में संकोच में था, लेकिन जब आरोपी ने एक एजेंट को घर भेजा और उसे तीन पॉलिसी के दस्तावेज दिखाए, तो वह झांसे में आ गया।
Online Investment Scam नकली इन्वेस्टमेंट स्कीम में 3.47 करोड़ रुपये डूबे
शिकायतकर्ता को गांव में जमीन बेचने के बाद 3 से 3.5 करोड़ रुपये मिले थे। इस बीच, आरोपी ने उसे बार-बार संपर्क कर इन्वेस्टमेंट का दबाव डाला।
इसलिए, शिकायतकर्ता ने राजेश मेहरा के निर्देशानुसार 3,47,38,850 रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। हालांकि, जब तय समय के बाद भी कोई रिटर्न नहीं मिला, तो उसे ठगी का एहसास हुआ और उसने साइबर थाना बल्लभगढ़ में शिकायत दर्ज करवाई।
पहली गिरफ्तारी: नजीर आलम (बिहार से गिरफ्तार)
नजीर आलम को कुशीनगर, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया।
नजीर आलम – निवासी माधवी नगर, पश्चिम चंपारण, बिहार।
12वीं पास आरोपी को शिकायतकर्ता की तीन पॉलिसियों का डेटा मिला था।
उसने कॉल कर शिकायतकर्ता को इन्वेस्टमेंट के लिए मनाया और पैसे अपने व अन्य खातों में ट्रांसफर करवाए।
पूछताछ के लिए आरोपी को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
दूसरी गिरफ्तारी: मोहम्मद आफताब आलम (बिहार से गिरफ्तार)
दूसरे आरोपी मोहम्मद आफताब आलम को लौरिया, चंपारण, बिहार से गिरफ्तार किया।
मोहम्मद आफताब आलम – निवासी गांव इस्लामपुर, ढाका, पूर्वी चंपारण, बिहार।
आरोपी ग्रेजुएट है और मुख्य आरोपी नजीर आलम के साथ काम करता था।
उसके बैंक खाते में ठगी के 5 लाख रुपये आए थे।
पुलिस ने आरोपी को 4 दिन की रिमांड पर लिया है।
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