फरीदाबाद। अरावली के खोरी इलाके में करीब 10 हजार मकान तोड़े जाने के चार महीने बाद भी बेघर लोगों का पुनर्वास नहीं हो सका है। खोरी के काफी लोग अभी भी कड़कड़ाती ठंड में अपने मकान की जगह पर तिरपाल या झुग्गी बनाकर रहने को मजबूर हैं। जबकि अधिकांश बेघर हुए परिवार आसपास के इलाकों में किराए के मकानों में रह रहे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम की पुनर्वास नीति बनाने के करीब तीन महीने बाद भी खोरी के बेघर लोगों को आशियाना नहीं मिल सका है। न्यायालय ने एक दिन पहले ही नगर निगम को जल्द से जल्द खोरी के लोगों को आशियाने आवंटित करने के आदेश दिए हैं। नगर निगम ने बनाई पुनर्वास नीति के तहत डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में बने हुए करीब 2545 फ्लैट खोरी के लोगों को आवंटित करने की नीति तैयार की है। लेकिन इन जर्जर फ्लैटों की मरम्मत नहीं करवाई जा सकी है, इसलिए इन फ्लैटों के आवंटन का ड्रा अभी तक नहीं निकाला जा सका है। फिल्हाल नगर निगम खोरी के लोगों के करीब साढ़े छह हजार आवेदन की जांच प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है ताकि जल्द से जल्द फ्लैटों के आवंटन के लिए ड्रा कार्य शुरू किया जा सके। जबकि इस कार्य को अप्रैल तक पूरा करने की बात नगर निगम ने कही है।
खोरी में करीब एक हजार परिवार झुग्गी में रह रहे
बेघर हुए लोग अपने मकान की जमीन पर झुग्गी या तिरपाल डालकर कड़कड़ाती ठंड में रहने को मजबूर हैं। इन लोगों को कहना है कि सरकार ने उन्हें मरणासन्न छोड़ दिया है। ऐसे में कहां जाए? अपनी जीवन भर की कमाई लगाकर यहां जमीन खरीदकर मकान बनाए थे, जिन्हें तोड़ दिया गया। जब तक उनका उचित पुनर्वास नहीं होगा तब तक अपनी जमीन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। करीब एक हजार लोग अपने मकान की जमीन पर तिरपाल या झुग्गी डालकर रहने लगे हैं।
अभी तक जर्जर फ्लैटों की मरम्मत नहीं हुई
नगर निगम अभी तक जर्जर फ्लैटों की मरम्मत नहीं करवा सका है। हालांकि नगर निगम ने मरम्मत के लिए निविदाएं जारी की हुई हैं, लेकिन अभी तक इस कार्य को करने के लिए कोई कंपनी आगे नहीं आई है। करीब 10 करोड़ रुपये इन 2545फ्लैटों की मरम्मत पर खर्च होंगे। मरम्मत के बाद ही ये फ्लैट रहने लायक हो सकेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एक टीम इन फ्लैटों का निरीक्षण करके न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। जिसमें अभी ये फ्लैट रहने लायक नहीं बताए गए हैं।
खोरी इलाके में फिर सक्रिय हुआ भूमाफिया
लोगों का आरोप है कि सरकार या प्रशासन ने भूमाफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में यहां फिर से भूमाफिया सक्रिय है। कुछ नए लोगों को भी यहां झुग्गी डलवाई जा रही हैं। जो लोग यहां से चले गए हैं, उनकी जमीन पर कब्जा करवाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि भूमाफिया को किसी को गिरफ्तार नही किया गया है जबकि लोगों के हर तरफ से परेशान किया जा रहा है।
अभी तक 196 परिवारों को आवंटित पत्र जारी किए
नगर निगम की पुनर्वास योजना के तहत अभी तक खोरी के करीब 196 परिवारों को डबुआ कॉलोनी के फ्लैटों के आवंटित पत्र दिए हैं। करीब 6500 आवेदन नगर निगम को प्राप्त हुए हैं। अब इन आवेदन पत्रों की पात्रता जांच के लिए करीब सात टीमें काम कर रही है। जल्द ही इस कार्य को निपटाकर इसी महीने फ्लैटों के आवंटन के लिए ड्रा निकाला जाएगा। अभी कुछ आवेदन पत्रों की जांच मौके पर जाकर भी की जा रही है।
नगर निगम ने दो हजार रुपए किराया भी नही दिया
खोरी के बेघर लोगों को फ्लैट आवंटित होने तक किराए पर रहने की सलाह प्रशासन की तरफ से दी गई थी और किराया भी दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का भरोसा दिया गया था, लेकिन अभी तक किसी ने एक रुपया भी नहीं दिया। स्थानीय निवासी रेखा बताती है कि उस समय इलाका खाली करवाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए थे, जिसमें दो हजार रुपये किराया देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक किसी को भी किराया नहीं दिया गया। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि किराया देने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पात्रता का चयन करना होगा। पात्रता तय होने के बाद सरकार को रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी। जिसे फ्लैट मिलेगा, उसे ही किराया भी मिलेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाएगा। उम्मीद है कि इसी महीने फ्लैटों को ड्रा के माध्यम से आवंटित कर दिया जाएगा। अभी पात्रता के लिए आवेदन पत्रों की जांच की जा रही है।-यशपाल यादव, आयुक्त, नगर निगम