दिवाली के दो दिन बाद भी दिल्ली वालों को दमघोंटू हवा से राहत नहीं मिली है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, आज भी राजधानी की हवा ‘गंभीर श्रेणी’ में बनी हुई है। वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 533 दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में दीपावली के बाद हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो शुक्रवार की सुबह ‘खतरनाक’ श्रेणी में पहुंच गई थी। पटाखों ने दिल्ली की हवा में जहर खोलने का काम किया है। यही वजह है कि राजधानी के आसमान में कोहरे की एक मोटी चादर बिछी हुई है। कई लोग गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायत कर रहे हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक या एक्यूआई का उपयोग सरकारी एजेंसियों जैसे कि सफर द्वारा जनता को यह बताने के लिए किया जाता है कि वर्तमान में हवा कितनी प्रदूषित है या इसके कितने प्रदूषित होने का अनुमान है। भारत में, 401-500 और उससे अधिक के एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। इस तरह की हवा का स्वस्थ लोगों पर भी खतरनाक श्वसन (सांस लेना) प्रभाव होना लगभग निश्चित है। फेफड़े से जुड़ी समस्या के शिकार या हृदय रोग वाले मरीजों पर सबसे ज्यादा खतरा मंडराता है। इसके प्रभावों का अनुभव कम शारीरिक गतिविधि के दौरान भी किया जा सकता है।
दिवाली के बाद एक्यूआई पांच साल में सबसे ज्यादा
पटाखों पर लगे प्रतिबंध का लोगों द्वारा उल्लंघन किये जाने और प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 36 प्रतिशत पहुंचने के बीच शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 462 पर पहुंच गया, जो पांच साल में दिवाली के अगले दिन का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। पड़ोस के नोएडा में 24 घंटे का औसत एक्यूआई देश में सबसे ज्यादा 475 पर पहुंच गया। फरीदाबाद (469), ग्रेटर नोएडा (464), गाजियाबाद (470), गुरुग्राम (472) में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई और यहां तक कि कनॉट प्लेस में हाल शुरू ‘स्मॉग टॉवर’ भी आसपास के निवासियों को सांस लेने योग्य हवा नहीं दे सका। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली की रात, द्वारका-सेक्टर 8, पंजाबी बाग, वजीरपुर, अशोक विहार, आनंद विहार और जहांगीरपुरी में पीएम10 का स्तर 800 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 1,100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच था।