बल्लभगढ़। कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (कीजीपी) एक्प्रेसवे पर तीन साल बाद ही गड्ढे होने लगे हैं। जो राहगीरों की सुरक्षित सफर के लिए चुनोती बन रहे हैं। इसके अलावा गांव के पास बाइक के लिए अवैध कट बना दिये है। प्रतिबंध के बाद भी संबंधित एक्सप्रेस वे पर बाइक चल रही हैं। इसके अलावा नो पार्किंग जोन में वाहन खड़े हो रहे हैं। नतीजतन ऐसे अनेक कारण की वजह से इस एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना हो रही हैं। इस वर्ष पिछले महीने तक करीब 12 दुर्घटना इसकी तस्दीक करती हैं। जिनमें पांच लोगों की मौत हो चुकी है। बांवजूद इसके कोहरा को लेकर यहां राहगीरों की सुरक्षा को लेकर अनेक लापरवाही बरती जा रही है। हिन्दुस्तान पड़ताल में ऐसी अनेक खामियां सामने आई हैं।
दो पहिया वालो की मौत
केजीपी पर वर्ष 2021 करीब दर्जन भर सड़क दुर्घटनाएं छायंसा थाना क्षेत्र में हुई है। जिसमें करीब पांच लोगों की मौत हुई है। इन सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादात्तर दुपहिया वाहन चालकों की मौत हुई है। हालांकि कई घटनाओं में ट्रक चालक व क्लीनर भी घायल हुए हैं और कई की मौत हुई है। इतना ही नहीं दुर्घटनाओं में बड़े वाहनों के ड्राइवर व क्लीनर भी कम जिम्मेदार नहीं है।
केजीपी पर होने वाली दुर्घटनाओं में अवैध कट, साइन बोर्ड की कमी व रिफ्लेक्टरों की कमी भी ज्यादा सामने आई है।
छह एम्बुलेंस तैनात
हालांकि एनएचएआई की ओर से केजीपी पर सुरक्षा को लेकर एनएचएआई की ओर 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर 6 एम्बुलेंस, 6 क्रेन व 6 पायलट गाड़ियां लगाई हुई है। बावजूद इसके दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है।
ग्रामीणों ने बना दिये अवैध कट
केजीपी की सुरक्षा में लगे अधिकारियों की माने तो कुछ गांवों में ग्रामीणों ने केजीपी पर अवैध कट बनाए हुए हैं। वह गलत दिशा में अपनी दुपहिया वाहनों को चलाते हैं। अधिकत्तर वाहन चालक को हेलमेट तक भी नहीं पहनते हैं। इस कारण वह सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा काफी ट्रक चालक अपने वाहनों को जहां एक ओर नशे की हालत में चलाते हैं, वहीं दूसरी ओर वह अपने ट्रकों को क्लीनर को सौंप देते हैं। इस कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि काफी अवैध कटों को बंद करने के लिए अनेकों बार संबंधित पंचायतों व अधिकारियों से कहा गया, बावजूद इसके ग्रामीण अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं। यहीं कारण है कि महीने में एक या दो दुर्घटनाएं अवश्य हो जाती है।
नशा करके वाहन चलाते हैं चालक
गोपी चंद, इंजीनियर,केजीपी : केजीपी पर चलने अधिकत्तर ड्राइवर नशा करके वाहन चलाते है। इसके अलावा वह नशे की हालत में वाहन का स्टेयरिंग कंडक्टर को थमा देते हैं। इसके अलावा दुपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के केजीपी पर वाहनों को दौड़ाते है। इस कारण दुर्घटनाएं ज्यादा होती है। केजीपी और केएमपी पर दुपहिया वाहन थ्री व्हीलर बैलगाड़ी और ट्रैक्टर ट्रॉली की आवाजाही पर पाबंदी है बावजूद इसके लोग चलते हैं।
सड़क पर घूमते रहते हैं पशु
अवैध कट की वजह से पशु केजीपी पर पहुंच जाते हैं। इनका झुंड अक्सर केजीपी पर घूमता रहता है। अक्सर ऐसे हालत जोखिम भरे है। जिससे दुर्घटनाओं का खतरा अधिक रहता है। वाहनों के आगे भी आ जाते हैं। ऐसे में बड़ी दुर्घटना होने का खतरा ज्यादा रहता है। नो पार्किंग जोन में भी वाहन खड़े हो जाते हैं। यहां बड़े ट्रक और वाहन जगह-जगह सड़क किनारे खड़े देखे जा सकते हैं। ज्यादातर तो ये वाहन उन स्थानों पर खड़े नजर आते हैं। जहां केजीपी के साथ लगती जमीनों पर लोगों ने ढाबे बना रखे हैं। वाहन चालक वाहनों को केजीपी पर खड़ा कर नीचे उतरकर चाय व खाना खाने चले जाते हैं।