फरीदाबाद। दिवाली के बाद अब छठ महापर्व की तैयारी शुरू हो गई है। सामाजिक संस्थाएं छठ घाटों की साफ-सफाई और संवारने में जुट गई हैं। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में 60 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा की तैयारी की जा रही है। लेकिन कोरोनाकाल के मद्देनजर प्रशासन स्वयंसेवी संगठनों की मदद करने से कतरा रहा है। बीते वर्ष की तरह इस बार भी नगर निगम छठ पूजा के लिए पानी की व्यवस्था नहीं करेंगा। बल्कि स्वयंसेवी संगठनों को स्वयं ही घाटों में पानी का इंतजाम करना होगा। बीते वर्ष शहर में छठ पूजा घाटों पर आयोजित नहीं की गई थी। प्रशासन के निर्देश पर समाजिक संगठनों ने आयोजन रद्द कर दिए थे।
छठ पूजा आयोजित करने वाली अधिकांश सामाजिक संस्थाएं कोरोना काल के मद्देनजर सतर्कता बरतने की बात कर रही हैं। बौधविहार में छठ पूजा की आयोजक संस्था पूर्वी सेवा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोतम जयसवाल ने बताया कि त्यौहार है और भीड़ की आशंका रहेगी। ऐसे में दो गज दूरी का नियम का पालन नहीं हो सकेगा। इसके अलावा सभी संस्थाएं घाटों के परिसर में सेनिटाइजर का छिड़काव और मास्क के साथ प्रवेश पर सख्ती की जाएगी।
नहर में पानी छोड़ने की अपील
पंचायत समिति के सदस्य अशोक रावल ने इस बार भी केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर से छठ के मद्देनजर आगरा नहर और गुरुग्राम नहर में पानी छुडवाने की अपील की है, ताकि लोग नहर के किनारे छठ महापर्व की पूजा-अर्चना कर सकें। इस बार आगरा नहर में पानी नहीं होने के कारण लोग नहर के किनारे पूजा नहीं कर सकेंगे। अशोक रावल ने कहा कि बीते वर्ष भी उन्होंने अपील की थी, लेकिन पिछले साल कोरोना के कारण लोग बाहर नहीं निकल सके थे, लेकिन इस बार छठ मनाई जाएगी। ऐसे में अगर नहर में पानी होगा तो लोगों को आसानी होगी।
सोमवार से शुरू होगा लोक आस्था का छठ महापर्व
लोक आस्था और सूर्योपासना के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान सोमवार को नहाय खाये के साथ शुरू होगा। श्रद्धालुगण स्वच्छता और शुद्धता बरतते हुए स्नान के साथ अरवा, चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी आदि ग्रहण करेंगे। अगले दिन मंगलवार को खरना उत्सव के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला कठिन व्रत शुरू होगा। बुधवार शाम को श्रद्धालुगण भगवान सूर्य को पहला अघ्र्य देंगे। जबकि गुरुवार को उगते हुए सूर्य को ऊषा अघ्र्य देकर व्रती अपना अनुष्ठान पूर्ण करेंगे।
जिले में छह लाख से अधिक लोग करते हैं छठ पूजा
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में करीब छह लाख लोग छठ पूजा करते हैं। जिले के विभिन्न इलाकों में पूर्वी उत्तर-प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों के छह लाख से अधिक लोग रहते हैं। इन लोंगों में छठ पूजा को लेकर खासा उत्साह रहता है। इनके लिए विभिन्न इलाकों में छोटे-बड़े करीब 60 पूजा स्थल पिछले साल बनाए जा रहे हैं। जबकि करीब 14 स्थलों पर छठ पूजा के बड़े आयोजन किए जाते हैं। सामाजिक संस्थाओं के माध्यम ने छठ पूजा स्थल बनाए जाते हैं। सभी पूजा स्थालों पर मेले जैसे आयोजन किया जाता है।
कोट
मेरे पास अभी तक ऐसे कोई आदेश नहीं है कि छठ पूजा के लिए पानी की व्यवस्था करनी है। सामाजिक संस्थाएं स्वयं ही पानी का इंतजाम करेगी।
– रामजीलाल, मुख्य अभियंता, नगर निगम