पलवल, हरियाणा राज्य के सभी उद्योगों में 30 कर्मियों तथा 100 प्रतिशत सुरक्षा कर्मियों को आपदा प्रबंधन एवं फस्र्ट एड का प्रशिक्षण कराना अनिवार्य है ताकि किसी भी उद्योग के प्रशिक्षित कर्मी तथा सुरक्षा कर्मी किसी भी बड़े हादसे से होने वाले जान माल के नुकसान को बहुत ही कम किया जा सके। जिसके लिए हरियाणा राज्य रैडक्रॉस द्वारा पोर्टल जारी किया है जिस पर उद्योग जगत के संचालक फस्र्ट एड एवं आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण हेतु पंजीकरण करें जो कि अनिवार्य है।
जिला रैड क्रॉस पलवल ने उद्योगों में जागरूक करते हुए लगभग 15 उद्योगों को पंजीकृत कराया है जबकि जिला उद्योग केंद्र, पलवल की रिपोर्ट अनुसार प्रोडक्शन हेतु जिले में लगभग 1040 छोटे-बड़े उद्योग पंजीकृत है।
इस पोर्टल के तहत पंजीकृत उद्योगों दूधोला स्तिथ माइक्रो प्रशिक्षण लिमिटिड, एच0पी0एल0 प्राइवेट लिमिटेड में प्रशिक्षण पूरा कराया जा चुका है। 12 जुलाई से 14 जुलाई तक आई0ओ0सी0एल0 के लुब आयल ब्लेंडिंग प्लांट असावटी में तीन दिवसीय आपदा प्रबंधन एवं फस्र्ट एड प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। आपदा प्रबंधन, सडक़ सुरक्षा, कोरोना महामारी जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रयोगतमक तरीके समझाए
जिला प्रशिक्षण अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी महेश मलिक ने प्रशिक्षण के दौरान सर्वप्रथम सडक़ सुरक्षा नियमों की पालना, कोविड संक्रमण से बचने हेतु सभी आवश्यक नियमों की जानकारी, वैक्सीन अभियान का हिस्सा बनने बारे जागरूक किया। दूसरे सत्र में घायल को घटनास्थल से अस्पताल पहुचाने तथा घटनास्थल पर इमरजेंसी वाहन के पहुँचने तक आवश्यक फस्र्ट एड देने बारे, जरूरत पडऩे पर घायल को कम्बल, स्ट्रेचर, मानवीय बैशाखी, कुर्शी के माध्यम से, रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर के मरीज स्थिर करते हुए ट्रांसपोर्ट करने के प्रयोगतमक तरीके समझाए।
सडक़ सुरक्षा नियमों की जानकारी देते हुए विशेषकर नाबालिग को वाहन न चलाने देने तथा इमरजेंसी वाहन को रास्ता देने, शराब पीकर वाहन न चलाने, हैलमेट तथा शीट बैल्ट का प्रयोग करने, ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड में वाहन न चलाने, वाहन अपनी लेन में चलाने बारे जागरूक किया । घायल को स्वांस न आने तथा बेहोशी की हालत में तुरन्त सी.पी.आर. विधि के द्वारा छाती दबाव एवं बचाव स्वांस देकर पीडि़त के जीवन को सुरक्षित करने की विधि बारे जागरूक किया।
बिक्रम सिंह यात्री, प्रवक्ता फस्र्ट एड एवं ब्रिगेड अधिकारी ने बहते हुए खून को सीधे दवाब से रोकने, बच्चे के सिक्का निगलने, केमिकल तथा आग से जलने, जहर या सांप के काटने आदि के समय दी जाने वाली फस्र्ट एड के बारे विस्तार से जानकारी दी।श्याम सुंदर, चीफ महा प्रबंधक , ए.एस.गीते उपमहाप्रबंधक, अशोक कुमार सुरक्षा अधिकारी तथा कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण की सराहना की और अपील भी की कि इस तरह की कार्यशाला का हिस्सा प्रत्येक नागरिक को बनना चाहिए ताकि किसी भी आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित टीम तैयार हो सके।