फरीदाबाद की प्रमुख समाजसेवी संस्था सेव फरीदाबाद ने नहरपार(ग्रेटर फरीदाबाद ) की ग्रुप हाउसिंग में वर्षो से चली आ रही बिल्डर द्वारा बिजली सम्बन्धित धांदलेबाज़ी को उजागर किया। एक पत्रकार वार्ता करके संस्था के अध्यक्ष पारस भरद्वाज ने बताया कि ग्रेटर फरीदाबाद के सबसे बड़े कोलोनीज़ेर बीपीटीपी ने जनता की गाढ़ी कमाई के तकरीबन 200 करोड़ रूपए अपने निजी कोष में दबा रखे हैं।
यह पैसा बीपीटीपी को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को देना था जिससे की ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों तक बिजली पहुँचाने का मूलभूत ढांचा खड़ा किया जाना था। यही वजह है कि गर्मियों के दिनों में ग्रेटर फरीदाबाद में रहने वाले लाखों लोग बिजली की अनियमितत्ताओं से जूझते हैं और नारकीय जीवन जीने के लिए मज़बूर होते हैं। वार्ता में कहा गया कि जिस शहर का सांसद केंद्र में राज्य ऊर्जा मंत्री हो और वहां के निवासियों को बिजली जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए कोर्ट में धक्के खाने पड़ रहे हों, इससे ज़्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती।
वर्ष 2012 से इस लड़ाई को लड़ रहे समाजसेवी उमेश प्रभाकर को बिजली विभाग के उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ़) को हाल ही में राहत मिली। केस की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बीपीटीपी ने ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर 75 -89 के उपभोक्ताओं से करीब करीब 200 करोड़ रूपये इकट्ठे किये। यह पैसा नवादा स्थित सबस्टेशन से विभिन्न सोसाइटियों तक बिजली पहुँचाने हेतु बाह्य मूलभूत व्यवस्था को विकसित करने के लिए लिया गया था। परन्तु पिछले एक दशक में ना तो बिजली पहुंचाने की कोई व्यवस्था ही बनी और न ही भविष्य में इसे विकसित करने का कोई रुझान दिखाई दे रहा है।
उमेश प्रभाकर का इस लड़ाई में सहयोग कर रहे एमसी गुप्ता ने बताया कि इस आदेश के बाबत बीपीटीपी को 30 दिन के भीतर ग्रेटर फरीदाबाद की जनता से उगाहे गए 200 करोड़ की ऑडिट रिपोर्ट उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ़) को जमा करवानी है। इसके अलावा बीटीपी को 45 दिन के अंदर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को यह पैसा देना होगा जिससे की ग्रेटर फरीदाबाद की बिजली की आपूर्ति के लिए संरचना तैयार की जा सके। इस आदेश द्वारा बीपीएमएस लिमिटेड पर भी ग्रेटर फरीदाबाद के उपभोक्ताओं से बिजली बिल देने और पैसों की उगाही करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगायी गयी है।
सेव फरीदाबाद के संस्थापक सदस्य कमल सिंह तंवर ने उमेश प्रभाकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज भी उनके जैसे निस्वार्थ समाजसेवियों की बदौलत ही शहर के लोगों को इस भ्रष्ट तंत्र और नेताओं की मिलीभगत के समाप्त होने की उम्मीद है।
विंग कमांडर(रिटायर्ड) सत्येंदर दुग्गल ने इस आदेश को पूरे ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों की जीत बताया और विश्वास दिलवाया कि आगे भी ऐसी मनमानियों के खिलाफ सेव फरीदाबाद संस्था जनता को जागरूक और लामबंद करने का काम करेगी।
पत्रकार वार्ता में सेव फरीदाबाद की दीपा सक्सेना, अरुण यादव ,संजय कुमार , रमेश गुलिया ,विकास दुबे ,प्रदीप नाहटा, राजेश कुमार , शैरी सक्सेना ,श्वेता मित्तल व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।