गिरजाबाई को पसंद है पत्थर के पकवान, जांजगीर चांपा की महिला की कहानी

Strange habit

Strange habits जांजगीर चांपा, 20 जनवरी 2025: हमारे खाने-पीने की आदतें अक्सर हमारे स्वास्थ्य और स्वाद के हिसाब से बदलती रहती हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के खोखरा गांव की एक महिला की आदतें न सिर्फ अजीब हैं, बल्कि कई लोगों के लिए हैरान करने वाली भी हैं। यह महिला लगभग 30 साल से पत्थर और ईंट खा रही है।

Strange habits पत्थर और ईंट खाने की आदत का अजीब कारण:

ग्राम खोखरा की रहने वाली गिरजाबाई बरेठ (55) ने बताया कि उन्हें यह आदत बहुत पहले शुरू हुई थी। उन्होंने बताया, “जब मैंने 30 साल पहले चुना से घर की पुताई की थी, तब उसकी खुशबू मुझे बहुत अच्छी लगी। फिर मैंने उसी चूने को खाना शुरू किया।” इसके बाद, वह कुछ साल तक चूना खाती रही। इस बीच, जब वह तालाब नहाने जाती, तो वहां कुरकुरी पत्थर मिलते, जिन्हें वह खाने लगी। ये पत्थर दांत से आसानी से टूट जाते थे, जिससे उनका सेवन आसान हो जाता था। इसके बाद उन्होंने ईंट खाना भी शुरू किया।

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Strange habits अब यह आदत बन गई है जीवन का हिस्सा:

गिरजाबाई बरेठ का कहना है कि आज के दिन तक उन्हें इस आदत से छुटकारा नहीं मिल सका। “अब मुझे पत्थर और ईंट खाने में इतना अच्छा लगने लगा है कि इसके बिना मैं नहीं रह सकती,” वह बताती हैं। यह आदत अब उनके जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है, और जिस दिन वह नहीं खातीं, उन्हें बेचैनी होने लगती है। उनका कहना है कि वह हर दिन आधे से ज्यादा ईंट खा जाती हैं, जैसे कुछ लोग गुटखा खाते हैं, वैसे ही वह ईंट को खाती रहती हैं।

परिवार की प्रतिक्रिया:

गिरजाबाई के परिवार के लोग पहले इस आदत के खिलाफ थे। उनके बेटे और बहू उन्हें मना करते थे, लेकिन अब वे कुछ नहीं कहते। गिरजाबाई के पोते करन बरेठ ने बताया, “हमने दादी को थोड़ा कम पत्थर खाने के लिए कहा था, लेकिन अब वह केवल ईंट ही खाती हैं।” उनके परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक डाइजेशन या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है।

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स्वास्थ्य पर असर:

हालांकि यह आदत बहुत अजीब है, गिरजाबाई के परिवार का दावा है कि उन्हें अब तक कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की आदतें शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं, लेकिन अभी तक गिरजाबाई को कोई गंभीर समस्या नहीं हुई है।

आखिरकार, यह आदत क्यों बनी:

इस बीच, विशेषज्ञ मानते हैं कि गिरजाबाई को यह आदत मानसिक कारणों से भी हो सकती है। कुछ लोग मानसिक रूप से ऐसी चीजों की ओर आकर्षित हो सकते हैं जो सामान्य नहीं होतीं। यह भी हो सकता है कि गिरजाबाई ने बचपन में जब यह आदत शुरू की, तो यह धीरे-धीरे उनकी मानसिक और शारीरिक आदत बन गई हो।

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