फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी में राज्य सरकार की सख्ती के बाद भी शनिवार को आबोहवा आठ गुना अधिक जहरीली बनी रही। फरीदाबाद एक बार फिर एनसीआर का सबसे दूसरा प्रदूषित शहर रहा। शनिवार को स्मार्ट सिटी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 रहा, जबकि दिल्ली 362 एक्यूआई के साथ एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर रहा। दो दिन पहले हुई मामूली बूंदाबांदी से स्मार्ट सिटी को प्रदूषण से मामूली राहत मिली थी, लेकिन शनिवार को एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी (300 से 400) में पहुंच गया। वहीं शहर के अंदर के इलाकों में सेक्टर-16 सबसे प्रदूषित रहा। वहां का एक्यूआई 375 दर्ज किया गया।
शनिवार को दिल्ली से सटे इलाकों में प्रदूषण अधिक रहा। इन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचांक अधिकांश समय गंभीर श्रेणी में रहा। औसतन सेक्टर-30 इलाके में 372 और सेक्टर-16 इलाके में 375 वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा। वहीं सेक्टर-11 में 308, एनआईटी में 319 और बल्लभगढ़ में 294 वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा। एनआईटी और बल्लभगढ़ में प्रदूषण विभाग के कर्मचारियों ने डीजल जेनरेटर सेट बंद कराए। इससे प्रदूषण में मामूली सुधार हुआ।
पानी का छिड़काव कराने की मांग
दो दिन पहले हुई मामूली बूंदाबांदी से प्रदूषण में मामूली सुधार के बार शनिवार को एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। पर्यावरणविद और कुछ आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने नगर निगम आयुक्त से सड़कों और पार्कों और हरित पट्िटयों के पेड़-पौधों पर अधिक छिड़काव की मांग की है। स्मार्ट सिटी बीते डेढ़ महीने से प्रदूषण की बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई हैं। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। कुछ लोगों को सुबह-शाम सांस लेने में दिक्कत होती है। बीते नवंबर में 35 दिन में से 30 दिन स्मार्ट सिटी का प्रदूषण गंभीर या बहुत खराब श्रेणी में बना रहा। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता जीपी वधवा ने कहा कि पानी का छिड़काव सड़कों पर किया जा रहा है। कूड़ा जलाने और कूड़ा फैलाने वालों पर अंकुश लगाया जा रहा है। उम्मीद है एक-दो दिन में प्रदूषण में सुधार होगा।