बद से बदतर है बल्लभगढ़ बाजार में शौचालय की हालत, स्मार्ट सिटी के नाम पर बस दिखावा

बल्लभगढ़ के मुख्य बाजार में अग्रसेन चौक और डाक घर के पास दो शौचालय बने हुए हैं। इन शौचालय में से एक श्याम बाबा ट्रस्ट द्वारा बनाया गया है। यह काफी छोटी जगह में बना है । दुकानदार का कहना है कि यहां की व्यवस्था को और ठीक करने की जरूरत है। शनिवार और रविवार को बाजार में 20 हजार लोगों की आवाजाही होती है।

त्योहारी सीजन में यह संख्या 30 हजार से ज्यादा पहुंच जाती है। इस कारण यहां लोगों की लाइन लग जाती है। दुकानदारों का कहना है कि शहर को स्मार्ट सिटी का नाम तो दे दिया गया है, लेकिन स्मार्ट सिटी जैसी जन सुविधाओं का निर्माण होना अभी बाकी है। दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम को बाजारों में स्मार्ट सिटी जैसी जन सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। यहां शौचालय पुराने बने हुए हैं। इनमें जाने अंदर जाने में घुटन महसूस होती है।

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गुप्ता होटल तिराहा शहर के प्रमुख नामचीन जगहों में से एक है। यहां काफी संख्या में हर रोज लोग खरीदारी के लिए आते हैं। लेकिन यहां पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है। इस कारण दुकानदारों को खुले में रेहड़ियों के पीछे खुले में पेशाब के लिए जाना पड़ता है। यहां सबसे ज्यादा महिला ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें लंबी दूरी तय कर अग्रसेन चौक तक जाना पड़ता है। वही मोहना रोड पर भी काफी संख्या में दुकानें हैं।

यहां के दुकानदार भी शौचालय न होने से परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है कि शहर के अंबेडकर चौक पर भी एक बेहतरीन शौचालय की जरूरत है। यहां दुकानों के पीछे एक शौचालय तो है लेकिन इसके बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है। इसे आधुनिक बनाए जाने की जरूरत है।

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यह भी है समस्या : बल्लभढ़ बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्राहक अपने वाहनों से खरीदारी के लिए आते हैं। लेकिन यहां पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। कार बाजार में घुस जाएं तो जाम लग जाता है। सबसे ज्यादा जाम अग्रसेन चौक और डाक घर के पास लगता है। कई बार 10 से 15 मिनट बाजार को पार करने में लग जाते हैं। इसी तरह अंबेडकर चौक पर भी वाहन सड़कों पर खड़े रहते हैं । यहां दुकानदार और ग्राहकों के वाहनों के लिए पार्किंग स्थल की जरूरत है।

क्या कहते हैं दुकानदार

बाजार के साथ-साथ शहर में शौचालयों की जरूरत है। पुराने शौचालयों को भी नए स्वरूप में बनाए जाने की जरूरत है, ताकि लोगों को शौचालय जाने के वक्त घुटन महसूस न हो।

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