बल्लभगढ़। कोरोना से दो साल तक लड़ने के बाद इस साल होली का रंग लोगों के सिर चढ़कर बोलेगा, लेकिन लोगों को रंग-गुलाल, पिचकारी सहित स्प्रे 10 से 20 प्रतिशत महंगा मिलेगा। इस बार कंपनियों ने रंग और गुलाल का उत्पादन भी कम किया है। इस कारण मार्केट में काफी कमी रहेगी। हालांकि थोक व्यापारियों के पास ग्राहक ठीक हैं और खुदरा में बेचने वालों ने भी तैयारी शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 में कोरोना ने दस्तक दे दी थी, जिससे पिछले 2 दो सालों में होली कोरोना की भेंट चढ़ गई। रंग और गुलाल के कारोबारियों का व्यापार पूरी तरह ठप रहा। अब कोरोना मार्च में काफी हद तक कंट्रोल में है और सरकार ने भी पाबंदियां हटा ली हैं। ऐसे में रंग और गलाल का कारोबार अच्छा रहने की उम्मीद है। इस बार 18 मार्च की रंगों वाली होली है। यानी 14 दिन शेष हैं। ऐसे में शहर के थोक व्यापारियों के पास ग्राहकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है, खुदरा व्यापारी भी दुकानें सजाने के लिए तैयारी में जुट चुके हैं।
थोक व्यापारी की माने तो जो गुलाल का पैकेट पहले 20 रुपये का था अब वह 22 रुपये तक पहुंच चुका है। इसी प्रकार रंग के प्रत्येक पैकेट के दाम 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। इधर, अरारोट काफी महंगा है। जिसके रेट 40 से 50 रुपये किलो तक पहुंच चुके हैं। यहीं कारण है कि गुलाल इस बार काफी महंगा है। इसके अलावा पिचकारी, स्प्रे सहित होली से संबंधित सभी सामान महंगा हो चुके हैं। दुकानदारों का दावा है कि होली से दो-तीन दिन पहले गुलाल और महंगा हो सकता है। हालांकि इस बार लोगों में होली को लेकर काफी खुशी है।