फसलों को मंडी में बेचने पर लगा दिया जाएगा प्रतिबंध

पराली न जलाए किसान, एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्राप्त करें

फरीदाबाद, 26 अक्टूबर। उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, फरीदाबाद ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अनुपालना में यह निर्णय लिया गया है कि जो किसान पराली जलाएगा उसके खिलाफ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग एफआईआर दर्ज कराएगी। इसके अलावा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ऐसे किसानों की मेरा फसल मेरा ब्योरा में रेड एंट्री दर्ज की जाएगी तथा दो सीजन तक धान, गेंहु व अन्य सभी फसलो को मंडी में बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

यह जानकारी  ने दी है। उनका कहना है कि किसान पराली न जलाकर मशीनो का प्रयोग से खेतो में अवशेष मिला सकते है। सरकार की स्कीम के तहत जो किसान सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल एम० बी० प्लो, जीरो टिल सीड ड्रिल, रोटावेटर व हैरो द्वारा पराली अवशेषों को भूमि मे मिलाएगा वे किसान इन सीटू व एक्स सीटू प्रबंधन स्कीम के तहत एक हजार रुपए प्रति एकड़ तक का लाभ उठा सकते है तथा ऐसा करने से किसान के समय की भी बचत होगी व किसानो को आर्थिक रूप से लाभ पंहुचेगा और पराली से पैदा होने वाले धुएं के प्रदूषण से भी बचाएगा इन संसाधनो को बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से 50 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जाता है।

Advertisement

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से डॉ अनिल कुमार ने बताया कि पराली में आग लगने से निकलने वाली गैस हवा की गुणवत्ता में गिरावट के कारण मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन में ज्यादातर कार्बन डाइआक्साइड है जो कि कुल उत्सर्जन का लगभग 91.6% है। शेष प्रतिशत 66% कार्बन मोनोऑक्साइड, 11% वोलेटाइल ऑर्गेनिक कार्बन, 5% हाइड्रोकार्बन और 2.2% ऑक्साइड ऑफ नाइट्रोजन से बना है। 8.9 मिलियन टन पराली कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है जो सीधे तौर पर पर्यावरण प्रदूषित करती है व भूमि में मौजूद पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और सल्फर भी धीरे-धीरे खत्म हो जाते है।

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *