सावन के पहले सोमवार के दिन ऐसे करें पूजा, भगवान शिव होंगे खुश

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22 जुलाई को श्रावस मास के पहले दिन पहला सोमवार पड़ रहा है। इसका मतलब ये कि सावह महीने की शुरुआत सोमवार से हुई है। इसका समापन भी सोमवार के दिन ही होगा। ऐसा संयोग 72 साल बाद बन रहा है। पहले सोमवार के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला प्रीति योग और दूसरा सर्वार्थ सिद्ध योग। दूसरे योग में आप जो भी काम करेंगे उसमें आपको सफलता हासिल होगी। इस योग में जो भी पूजा करता है वो काफी अच्छा माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों ही योग में कब और कैसे पूजा कर सकते हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग आज सुबह 05:37 एएम से प्रारंभ होकर रात 10:21 पी एम तक है. वहीं प्रीति योग आज प्रात:काल से लेकर शाम 05:58 पी एम तक है। आज के दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 पी एम से 12:55 पी एम तक है। भगवान शिव की पूजा के लिए गंगाजल, फूल, चंदन, बेलपत्र,भांग, धतूरा, धूप, दीप, गंध, गाय का कच्च दूध, शहद, शमी के पत्ते, आक के फूल, मौसमी फल, शक्कर, गाय का घी, कपूर, रक्षासूत्र, वस्त्र, यज्ञोपवीत, इत्र, लौंग, इलायची, केसर, पान, सुपारी आदि की जरूरत पड़ती है। साथ ही शिव चालीसा, आरती और सोमवार व्रत कथा की पुस्तक भी आपको इस दिन जरूर पढ़नी चाहिए।

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इस तरह करें शिवलिंग की पूजा

इसके अलावा शिव जी की पूजा में सिंदूर, हल्दी, शंख, तुलसी के पत्ते, नारियल, केतकी के फूल आदि का उपयोग बिल्कुल भी न करें। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें ले औऱ साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद अपने पूजा घर या फिर शिव मंदिर में जाए और सबसे पहले शिव जी को जल चढ़ाए। उसके बाद एक-एक करके सारी सामग्री को भोलेनाथ पर चढ़ाए। इस दौरान भगवान शिव का ध्यान जरूर करें। शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें। फिर भगवान शिव को प्रणाम करें। शिव चालीस पढ़े, कथा पढ़े और कपूर या फिर दीया जलाकर शिव जी की आरती करें।

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