एक कलाकार को अभ्यास सम्पूर्ण कला के जादू में बदलता है : हरीशचन्द्र आजाद


फरीदाबाद, 15 सितम्बर : श्री धार्मिक लीला कमेटी के निर्देशक हरीश चन्द्र आज़ाद ने बताया कि आज रामलीला की रिर्हसल में केकई-मंथरा के तिर्या जाल संवादों पर कलाकारों को कड़ा अभ्यास करवाया गया। केकई का किरदार निभा रही सौम्या खरबंदा ने राम के राज तिलक की खुशी को कैसे राम के बनवास पर मंथरा के कहने पर तिरया जाल बनाया और मंथरा का पहली बार अभिनय कर रही गरिमा बत्तरा ने किस चालाकी से केकई के रामराज्य की खुशीयां मनाने की तैयारीयों को राम बनवास के जाल में फंसाया। र्निदेशक हरीश आज़ाद ने बताया कि एक कलाकार को अभ्यास किस तरह से सम्पूर्ण कला के जादू में बदलता है इसका उद्वारण श्री धार्मिक लीला की बेटियां कलाकार रामलीला के मंचन पर पेश करेंगी जैसे केवल 15 वर्ष की बच्ची गरिमा बत्तरा जो पहली बार किसी मंच पर अभिनय कर रही है वह छोटी सी बिटिया कड़े अभ्यास द्वारा किस तरह से 70 वर्ष की मंथरा का किरदार निभायेंगी यही है रंगमंच की कला का जादू । आज के अभ्यास में ऋृषि विश्वामित्र का यज्ञ भंग करने वाले खूंखार राक्षसों का भी अभ्यास करवाया जिसमें मनीष, पूनीत, हार्दिक बत्तरा, राजीव, विद्वांश खरबंदा, सुमीत आदि ने राक्षसों का किरदार निभाने के लिये अभ्यास किया। आज सभी राक्षसों ने एक डरावने राक्षसी गाने अज़ब यह वन सुहाना है, यह क्या अच्छा ठिकाना है पर अभ्यास किया ।

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