उद्योगों को हुए नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग

 राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन ने केन्द्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापिस लिए जाने का स्वागत किया है लेकिन इन कानूनों के विरोध में चले आंदोलन की आड़ में उद्योगों को हुए नुकसान की भरपाई किए जाने की भी मांग की है। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि कानूनों के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों की वजह से पिछले 1 साल से उद्योग-धंधों विशेषकर बार्डर से लगती फैक्ट्रीयों को करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है। इस अवधी में लघु-मध्यम व्यापारी पूरी तरह से पीस चुका है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के कारण लगभग 20 हजार करोड़ का नुकसान झेल चुके उद्यमियों को अब उम्मीद है कि उद्योग अब सुचारू रूप से चल सकेंगे।

आंदोलन की वजह से हरियाणा दिल्ली के बार्डर पल लगते छोटे-बड़े करीब 10 हजार से भी ज्यादा उद्योगों को सीधे तौर पर नुकसान हुआ है। व्यापारी वर्ग एक साल से नुकसान झेल रहा था। कामगार भी परेशान थे। रोजगार भी खत्म हो रहा था। लेकिन अब कानून वापिस से उम्मीद है कि व्यापार पटरी पर लौटेगा। बुवानीवाला ने कहा कि अब सरकार का दायित्व है कि जिस प्रकार कृषि कानून वापिस लेकर किसानों को राहत दी गई है, उसी प्रकार इसके समांतर किसानों से भी अधिक नुकसान झेल रहें व्यापारियों को भी राहत प्रदान की जाए।

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उन्होंने कहा कि अब बिना किसी देरी के सरकार को उद्योगों और व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी एक बड़ा राहत पैकेज देने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की विषम परिस्थितियों में खुदरा व्यापार, लघु व मझौले उद्योग-धंधे बेहद संकट की स्थिति में हैं और इस समय उनकी सरकार से सबसे ज्यादा अपेक्षाएं भी है। ताकि वो अपने साथ-साथ देश व प्रदेश का खजाना भरने, लोगों को रोजगार देने जैसे अपने कार्यों में बिना किसी बांधा के काम करते रहें। 

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