आयुर्वेद और पंचकर्म के द्वारा असाध्य रोगों का भी इलाज संभव – राजेश नागर

तिगांव के विधायक राजेश नागर ने कहा कि आयुर्वेद और पंचकर्म से असाध्य राेगों का इलाज संभव है। जिन रोगों का एलोपैथ दवाओं से इलाज संभव नहीं होता है उसका इलाज भी आयुर्वेद में हो जाता है।
नागर रविवार को ग्रेटर फरीदाबाद स्थित सेक्टर-85 में डाॅ़ कुमार लाइफ स्टाइल सेंटर की ओर से घर-घर आयुर्वेद पहुंचाने के लिए शुरू की गई पांचवी यूनिट के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
नागर ने कहा कि आयुर्वेद का जनक भगवान धन्वन्तरि को कहा जाता है। जोकि स्वास्थ्य, आरोग्य, तेज और दीर्घायु के देवता हैं। आयुर्वेद, सुश्रुत संहिता, चरक संहिता, कश्यप संहिता और अष्टांग हृदय के प्राचीन ग्रंथों में इनका उल्लेख मिलता है।
विधायक राजेश नागर ने कहा कि मानव शरीर खुद रोगों से लडऩे में सक्षम होता है, बस इसका ज्ञान होना चाहिए। संसाधनों से समृद्ध प्रकृति से निकटता के जरिए आप सेहतमंद बने रह सकते हैं। तनाव होने पर डॉक्टर भी प्राकृतिक स्थल पर घूमने या बागवानी की सलाह देते हैं। नेचुरोपैथी में बिना दवा के विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जाता है। पेट की बीमारियों के लिए तो यह थेरेपी रामबाण है। पंचकर्म विधि से तीनों शारीरिक दोष वात, पित्त और कफ को सामान्य कर विषैले तत्वों को शरीर से बाहर किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे जानकर खुशी होती है कि लोग आयुर्वेद की तरफ आकर्षित होकर अपना स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस प्रकार के कार्य करने वालों को हम बधाई और साधुवाद देते कि वह लोगों का जीवन बचाने का उत्तम कार्य कररहे हैं।
सेंटर के संचालक डॉ़ कृष्ण कुमार सांगवान ने बताया कि हम सोमवार, शुक्रवार और रविवार को स्लम एरिया में निशुल्क कैंप लगाएंगे। आयुर्वेद में पंचकर्म एक ऐसी प्रक्रिया है, जो शरीर का कायाकल्प कर देती है। पंचकर्म के बाद जहां शरीर के अनेक दोष दूर हो जाते हैं, वहीं शरीर नई ऊर्जा, शक्ति, उमंग और तरंग से प्रफुल्लित हो उठता है। मात्र रोग होने पर ही नहीं, बल्कि शरीर को आंतरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त और फिट रखने के लिए भी दुनिया भर से लोग पंचकर्म कराने के लिए भारत आते हैं। कमर से लेकर घुटनों तक के दर्द, लकवा, मानसिक तनाव आदि के रोगियों के लिए तो पंचकर्म रामबाण से कम नहीं है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री विपुल गोयल, बीजेपी नेता दीपक डागर जाजरू सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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