Faridabad: पहले दिया चिटफंड कमिटी में निवेश का लालच, फिर इंजीनियर से लूटे 1.18 करोड़ रुपये

फरीदाबाद: सिंचाई विभाग के रिटायर्ड एग्जिक्यूटिव इंजीनियर से बीते कई सालों से चिटफंड व कमिटी में निवेश करने के नाम पर करोड़ो रुपये का चुना लगाया गया। पीड़ित बुजुर्ग का आरोप है कि, एक दंपती ने बिजनेस, चिटफंड व कमिटी में निवेश करने के नाम पर रुपये ऐंठ लिए। रुपये वापस मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सेक्टर-14 निवासी 72 वर्षीय जगजीत सिंह फौगाट ने बताया कि, वह सिंचाई विभाग से एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के पद से सेवानिवृत हैं। पड़ोसी के माध्यम से दिसंबर-2012 में उनकी मुलाकात संजय वर्मा व उनकी पत्नी कविता से हुई। आरोप है कि पति-पत्नी ने जान-पहचान बढ़ाकर उनसे बिजनेस में निवेश करने को कहा। इसके लिए उन्होंने इनवेस्टमेंट प्लान बताए और अच्छे रिटर्न का लालच देकर कई बार अपनी बिजनेस पार्टियों में बुलाया। उनकी बातों में आकर पीड़ित ने अप्रैल-2013 से इनवेस्टमेंट स्कीमों और चिटफंड व कमिटी में पैसा लगाना शुरू कर दिया।

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आरोप है कि जब भी कोई कमिटी पूरी होती तो आरोपी उसे पैसे न लौटाकर दोबारा से निवेश कर अच्छे रिटर्न का लालच देकर फिर से निवेश कराते रहे। ऐसा कर दंपती ने मार्च-2013 से नवंबर-2020 तक करीब 1.18 करोड़ रुपये हड़प लिए। इस दौरान शिकायतकर्ता को 10 लाख रुपये का चेक दिया, जो बाउंस हो गया। पैसे वापस मांगने पर एक महीने में 35-40 लाख रुपये व तीन महीने में बाकी रकम लौटाने का भरोसा दिलाया, लेकिन रुपये नहीं मिले। पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकियां दी जाने लगीं।

कच्चे कागजों में रहता है रेकॉर्ड

आप ठगी से बचना चाहते हैं तो सावधान रहें। फरीदाबाद में कमिटियों व बिजनेस में निवेश के नाम पर ठगी का खेल जमकर चल रहा है। कमिटियों के चंगुल में शहर के 40 प्रतिशत से ज्यादा फंसे हैं। इसमें निवेश और मिलने वाली राशि को आयकर रेकॉर्ड में शामिल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद हर महीने शहर में करोड़ों रुपये की कमिटियां चल रही हैं। इसे पुलिस भी नहीं रोक पा रही है।

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सरकारी कार्यालयों से लेकर कॉलोनियों तक में कमिटियों का कारोबार चल रहा है। इससे जुड़े कई लोग ऐसे भी हैं, जो 25 से 30 साल से कमिटियों के आयोजक बने हुए हैं। सारा रेकॉर्ड कच्चे कागजों में रहता है। बड़े होटलों में किटी या बिजनेस पार्टियों के नाम पर कमिटियां डाली जाती हैं। अक्सर लोग इनमें ठगे जाते हैं।

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