पहरावर धाम की जमीन को लेकर मुख्यमंत्री पर बरसे जयहिंद

नवीन जयहिंद गर्मी या मौसम की परवाह किए बैगर सड़कों पर निकल चुके है और जब से सरकार ने 23 अप्रैल को पहरावर में होने वाले भगवन परशुराम जन्मोत्सव में नगर निगम व् कोर्ट के नाम पर बाधा खड़ी की है उसके बाद से नवीन जयहिंद ने सरकार के खिलाफ अलग ही मोर्चा खोल दिया है |

नवीन जयहिंद जहाँ भी जा रहे है मुख्यमंत्री को कोसने से बाज नहीं आ रहे है और खुल कर सरकार खिलाफ बोल रहे है | इसी क्रम में वे अलग – अलग जिलों मे आयोजित कार्यक्रमों में जा रहे है व मंच से मुख्यमंत्री को खुला चैलेंज कर रहे है।
वे अपने आप को भगवान परशुराम का भगत होने के साथ -साथ भगत सिंह , चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल व् मंगलपाण्डेय की विचारधारा का मानते है | जो अपने हक़ के लिए अपने प्राणों तक नौछावर कर गये |
नवीन जयहिंद भगवान परशुराम का जन्मोत्सव 21 मई को पहरावर की उसी धरती पर मनाने का दम्म भर रहे है ।

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इसी को लेकर रविवार 7 मई को नवीन जयहिन्द पानीपत में नारैना, गड्डी सिकंदरपुर व डिंडवाड़ी गांव इसके बाद उत्तर प्रदेश(UP) के सहरंगपुर और शामली में ललकारा का न्यौता देने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की व सभी गांव वासियों का धन्यवाद करते है जो सम्मान दिया साथ ही आने वाली 21 मई 2023 रविवार को पहरावर पहुंचने का चूल्हा न्योता और कहा 21 मई रविवार को उसी पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम की अदालत भी लगेगी और जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।

नवीन जयहिन्द ने मंच से सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार 21 मई 2023 तक हमे यह बता दे कि जो पहरावर की जमीन मुख़्यमंत्री ने करनाल में हुए ब्राह्मण महाकुम्भ में ब्राह्मण समाज को वापिस देने का वादा किया था वह जमीन कहां है?

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परशुराम जन्मोत्सव नहीं मनाने देने के बाद नवीन जयहिंद सरकार पर पूरी तरह से आक्रोश में आ गए व सरकार के विनाश तक की प्रतिज्ञा कर डाली।

जयहिन्द समर्थकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के अंदर कंस की आत्मा आई हुई है इसलिए वह भगवान परशुराम का जन्म उत्सव नहीं मनाने दे रहे हैं । आमने सामने की लड़ाई लड़ने की हिम्मत तो है नही इस सरकार व मुख्यमंत्री में इसलिए कोर्ट को ढाल बनाकर षड्यंत्र व साजिश के चलते मुख़्यमंत्री ने यह पाप का काम किया है। जयहिंद के समर्थकों का कहना हैं कि मुख़्यमंत्री समाज को बताए कि उन्होंने जो पहरावर की जमीन ब्राह्मणों को देने का वादा किया था वह जमीन कहाँ है? क्या पाकिस्तान में है वह जमीन ?
यह जन्मोत्सव 36 बिरादरी के भाईचारे के सहयोग से 36 बिरादरी के भाईचारे लिए बनाया जा रहा है। पहरावर की जमीन पर स्कूल- अस्पताल- मंदिर बनेगा। सरकार को स्कूल अस्पताल मंदिर से भी आपत्ति है।

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जयहिन्द ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कायरों की तरह भगवान परशुराम के भक्तों पर वार कर रही है अगर सरकार में दम है तो वह सीधे मुझसे लड़े। न तो समाज आपस में लड़ों और न ही भाईचारे को आपस में लड़ने दो | आज सारे समाज को एक साथ आने की जरूरत है यह अकेले के लिए कार्यक्रम नहीं है 36 बिरादरी के भाईचारे का सहयोग है । सभी मिलजुल कर इस जन्मोत्सव को मना रहे है और धार्मिक अनुष्ठान किसी भी विशेष समाज का नहीं बल्कि सभी का सांझा होता है।

जयहिंद ने कहा कि 21 मई को पहरावर धाम पहुंचने वाले सैकड़ों परशुराम के भक्त सरकार को बता देंगे कि हम डरने वाले नहीं है |

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गौर करने योग्य बात हैं रोहतक के पहरावर में 23 अप्रैल को भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाने वाला था लेकिन कार्यक्रम से दो दिन पहले सरकार ने प्रशासन व निगम को मोहरा बना कोर्ट का सहारा लेकर इस कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। इसके बाद शनिवार 22 अप्रैल को नवीन जयहिन्द ने सेक्टर-6 बाग में एक आपातकालीन मीटिंग बुलवाई जिसमे जयहिन्द ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि आने वाली 21 मई 2023 रविवार को उसी पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम की अदालत भी लगेगी और जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि इस बीच हम न्याय के लिए सेशन कोर्ट, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

जयहिंद समर्थकों ने कहा कि हमने पहले भी फरसे के दम पर इस जमीन से निगम का कब्जा हटवाया था और अब भी 21 मई को वहां बिना डरे, बिना किसी प्रशासन के भय के भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाएंगे।

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