मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में नहीं ले जा सकते मोबाइल

फरीदाबाद, 24 मई। जिलाधीश एवं उपायुक्त विक्रम सिंह ने हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर रखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा- 144 के आधार पर निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी उम्मीदवार द्वारा मतदान केंद्रों से 200 मीटर की परिधि में कोई भी बूथ स्थापित नहीं किया जाएगा। यहां तक कि जहां एक ही स्थान या परिसर में एक से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, वहां ऐसे परिसर से 200 मीटर की दूरी से परे मतदान केंद्रों के समूह के लिए एक उम्मीदवार का केवल एक बूथ होगा। ऐसे प्रत्येक बूथ पर केवल एक मेज और दो कुर्सियाँ प्रदान की जाएंगी। साथ ही बूथ पर उन कुर्सियों पर बैठे दो लोगों को मौसम की स्थिति से बचाने के लिए एक छाता या तिरपाल या कपड़े का एक टुकड़ा उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे बूथ को कनातों या तंबू आदि से घेरा नहीं जाएगा। ऐसे बूथों का उपयोग केवल अनौपचारिक पहचान पर्ची जारी करने के उद्देश्य से किया जाएगा।

जिला मजिस्ट्रेट विक्रम सिंह ने कहा कि मतदाता केवल काली स्याही वाले सफेद कागज पर ही इन अनौपचारिक पहचान पर्चियों को उम्मीदवार के नाम या प्रतीक या राजनीतिक दल के नाम के बिना विषय पर चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार सख्ती से क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला की आधिकारिक वेबसाइट पर रखने के लिए जिम्मेदार होगा।

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जिलाधीश ने कहा कि http://www.faridabad.gov.in/ पर इस आदेश का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 188 या किसी अन्य लागू अधिनियम/नियम के तहत अभियोजन और सजा के लिए उत्तरदायी होगा।

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि ऐसे प्रत्येक बूथ पर उम्मीदवार, उसकी पार्टी और आवंटित चुनाव चिन्ह का नाम प्रदर्शित करने के लिए केवल एक बैनर की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि ऐसे बैनर की चौड़ाई 3 फीट और लंबाई 4 बाई 2 फीट से अधिक न हो। इस निर्देश के उल्लंघन में स्थापित किसी भी बैनर को कानून और व्यवस्था बनाए रखने वाले अधिकारियों द्वारा हटा दिया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि ऐसे बूथ पर किसी भी परिस्थिति में भीड़ जमा नहीं होने दी जाएगी और न ही किसी ऐसे व्यक्ति को बूथ पर आने दिया जाएगा, जो पहले ही मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल चुका हो। यह उनके बायीं ओर लगे अमिट स्याही के निशान से स्पष्ट होगा।  

उन्होंने कहा कि मतदाता की तर्जनी या कानून के तहत विशेष रूप से निर्धारित कोई अन्य उंगली काली स्याही का वोटिंग सिंबल लगवाएं। बूथों पर तैनात व्यक्ति मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक जाने के रास्ते में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। उन्हें अन्य उम्मीदवारों के बूथों पर जाने से नहीं रोकेंगे। किसी अन्य प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। 

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जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाताओं को अपनी इच्छा/पसंद के अनुसार अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार मिला है। अलावा किसी भी मतदाता को किसी भी तरह के प्रलोभन से प्रभावित नहीं किया जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ रहे किसी भी दल/उम्मीदवार के पक्ष या विपक्ष में मतदान करना उसकी अपनी इच्छा है।  

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किसी भी व्यक्ति को मतदान केंद्रों की 100 मीटर की परिधि में सेल्युलर फोन, कॉर्डलेस फोन, वायरलेस सेट आदि ले जाने या उपयोग करने की नहीं होगी अनुमति

जिलाधीश विक्रम सिंह ने आगे कहा कि मतदान की तिथि 25 मई को मतदान केंद्रों पर चुनाव प्रचार को रोकने और मतदान केंद्रों के आसपास कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मतदान केंद्रों की 100 मीटर की परिधि को किसी भी व्यक्ति को सेल्युलर फोन, कॉर्डलेस फोन, वायरलेस सेट आदि ले जाने या उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं  “मतदान केंद्र पड़ोस” और मतदान केंद्र के भीतर वर्णित किया गया है।

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उन्होंने कहा कि हालाँकि, ये निर्देश कानून और व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी सौंपे गए पुलिस अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों, ड्यूटी मजिस्ट्रेट, चुनाव ड्यूटी पर पर्यवेक्षक अधिकारियों आदि पर लागू नहीं होते हैं। ऐसे व्यक्ति, जिन्हें राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों द्वारा इस तरह के काम के लिए नामित किया जाता है। बूथ, उसी मतदान केंद्र क्षेत्र में मतदाता होंगे। उसके पास एक ईपीआईसी भी होगा। जब भी कोई पर्यवेक्षक/सेक्टर मजिस्ट्रेट/अन्य चुनाव प्राधिकारी व्यक्ति से उसकी पहचान उजागर करने के लिए कहेगा, तो उसे निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाना होगा।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा, कि वे ऐसे बूथों पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले किसी भी व्यक्ति को काम पर न रखें। वहीं स्थिति की आकस्मिक प्रकृति को ध्यान में रखते हुए आम जनता को अपील करते हुए  एकपक्षीय आदेश पारित किया जा रहा है। यह आदेश 24.05.2024 से लागू होगा और प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहेगा।

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पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र के भीतर उपरोक्त निषेधाज्ञा को अक्षरश: लागू करने के लिए जिम्मेदार होंगे।

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