फरीदाबाद : सर्दियों के साथ-साथ दिल के मरीजों की मुश्किलें भी बढ़नी शुरू हो जाती है। सरकारी अस्पताल बादशाह खान में पीपीपी मोड पर चलाए जा रहे हार्ट सेंटर में इन दिनों दिल के मरीज काफी संख्या में आने लगे हैं। दरअसल, ठंड के मौसम में सर्दी और बढ़ा हुआ प्रदूषण मिलकर हमारे शरीर में कई बदलाव करते हैं। ऐसे में ठंड की वजह से अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से नसों में खून का थक्का जमने लगता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के मामले बढ़ने लगते हैं। ऐसे में जरूरत है सावधानी बरतने की। कोशिश करें जितना ज्यादा प्रोसेस भोजन हो उससे बचें, खाने को जितना ज्यादा प्रोसेस किया जाएगा, वह शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। 40 से अधिक उम्र के लोगों को विशेषकर इस मौसम में अपने रहन-सहन और दिनचर्या को बेहतर रखना होगा, तभी आप सुरक्षित रह पाएंगे। क्योंकि, फरीदाबाद शहर की जिस प्रकार से आवो हवा है, परेशानियां बढना स्वभाविक है।
…………………………
क्या हैं हार्ट अटैक के लक्ष्ण
सांस फूलना, गले में दर्द होना, दर्द होना और अचानक से बेहोशी जैसी हालत हो जाना हार्ट अटैक के लक्षण हैं। अटैक के समय आपको नाभी से लेकर चेहरे तक कहीं भी दर्द हो सकता है। जब आपको लगे शरीर में कुछ असमान्य बदलाव आने लगे हैं या एकाएक परेशानियां होने लगी है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
……………………………..
कार्बोहाइड्रेट की मात्रा रखें कम
हार्ट अटैक से बचाव के लिए शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम रखें। जहां तक हो सके मूंगफली, ड्राई फ्रूट आदि का प्रयोग करें। इनसे शरीर को पौष्टिक तत्व मिलते हैं साथ ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी संतुलित रहती है। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का ज्यादा सेवन करने से इंसुलिन लेवल बढ जाता है। इंसुलिन रेसिस्टेंस ही फैटी लीवर के लिए जिम्मेदार होता है। शुगर के मरीजों मे फैटी लीवर की समस्या ज्यादा होता है। फैटी लीवर में सैल्स की सामान्य प्रोसेसिंग नहीं हो पाती है।
………………………….
जहां तक हो सके रॉ मेटीरियल ज्यादा खाएं और बाहर के खाने से बचें। घी की बजाय मक्खन का प्रयोग करें। मक्खन घी से कहीं बेहतर होता है। सर्दियों में विशेष रूप से खान-पान व जीवनशैली का ध्यान रखना चाहिए। 50 से अधिक उम्र के साथ-साथ युवाओं में भी हार्ट से सम्बंधित बीमारियां बढ़ रही हैं। सबसे कम उम्र के 23 साल के युवा की एंजियोग्राफी तक हार्ट सेंटर में की गई है।
– डॉ. ओम जीवन, हार्ट रोग विशेषज्ञ