फरीदाबाद: 100 बेड का अस्पताल तैयार, डॉक्टर का इंतजार

फरीदाबाद। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर आधारभूत ढांचा के लिहाज से स्वास्थ्य विभाग ने काफी हद तक तैयारी तो कर ली है, लेकिन डॉक्टर सहित स्टाफ की कमी अभी भी पूरी नहीं हुई है। अनेक रोग के एक्सपर्ट डॉक्टर के अलावा नर्स सहित काफी स्टाफ के पद रिक्त नहीं भरे गए हैं। कोरोना के लिए बीके अस्पताल परिसर में बनाया गया अस्थायी अस्पताल इसकी तस्दीक करता है, जहां अस्पताल तैयार हो चुका है, लेकिन इसको चलाने के लिये अभी तक डॉक्टर सहित बाकी स्टाफ की भर्ती नहीं की गई है। जबकि स्टाफ भर्ती के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने अक्टूबर में ही प्रस्ताव भेज दिया था। बावजूद इसके अभी तक डॉक्टर ओर अन्य स्टाफ नहीं मिला है।

छायंसा मेडिकल कॉलेज का स्टाफ कर रहा संचालन

कोरोना के लिए बनाए गए 100 बेड के अस्थायी अस्पताल को उद्घाटन से पहले ही चालू कर दिया है। यहां सामान्य रोगों के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। खास बात यह है कि इसके संचालन के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने छायंसा मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर बुलाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा करीब 90 नर्स स्टाफ है। नए वर्ष में इनको वापस भेज दिया जाएगा, क्योंकि अगले वर्ष मार्च तक छायंसा मेडिकल कॉलेज में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी। बहरहाल, अगर हरियाणा सरकार ने तब तक नियमित स्टाफ की नियुक्ति नही की तो फिर संबंधित अस्पताल के संचालन में दिक्कत आ सकती है, क्योंकि जिला स्वास्थ्य विभाग के पास पहले ही स्टाफ की कमी है।

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बीके अस्पताल में 53 फीसदी स्टाफ के पद खाली

बीके अस्पताल में डॉक्टर सहित बाकी स्टाफ के लिए स्वीकृत पदों में करीब 53 फीसदी पड़ रिक्त है। इनमें पांच स्वीकृत सीनियर मेडिकल ऑफिसर में तीन पद रिक्त है। यहां सबसे ज्यादा स्टाफ नर्स के पद रिक्त हैं। स्टाफ नर्स के लिए संबधित अस्पताल में 90 पद स्वीकृति है, जिनमे 72 पड़ रिक्त है। आलम यह है कि 18 नर्स ही अस्पताल में कार्यरत हैं। बीके अस्पताल में 200 बेड है। अन्य श्रेणी के लिए स्वीकृत पदों में भी काफी खाली हैं। जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। हालांकि छायंसा मेडिकल कालेज से प्रतिनियुक्ति पर आए स्टाफ से काफी राहत है, लेकिन उनके जाने के बाद हालात चिंता जनक हो सकती है।

अस्थायी अस्पताल के लिए 209 का स्टाफ किया जाएगा भर्ती

बीके अस्पताल परिसर में कोरोना को लेकर बनाये गए 100 बेड के अस्थायी अस्पताल के संचालन के लिए डॉक्टर सहित विभिन्न श्रेणी में 209 स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। जिसका प्रस्ताव स्वास्थ्य निदेशालय भेज दिया गया है। इनमें 30 डॉक्टर शामिल है, जिनमें 10 डॉक्टर विभिन्न रोगों के एक्सपर्ट है। इनके अलावा 40 नर्स की मांग की गई है। बाकी स्टाफ अन्य श्रेणी में भर्ती किया जाएगा।

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छह जून को हुआ था काम शुरू

कोरोना को लेकर बीके अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन सौ बेड के अस्थायी अस्पताल का निर्माण छह जून को शुरू किया गया था। जिसमें कंटनेर को रखने के लिए छोटे पिलर बनाए गए थे। इससे पहले यहां लोक निर्माण विभाग ने जमीन को समतल करने के लिए खुदाई करवाई थी। हालांकि अभी यहां आवाजाही के लिए सडक का नेटवर्क तैयार करने काम लोक निर्माण विभाग ने किया है।

यह है प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में बेड की कमी के दौरान डिजाइन टाटा स्टील कंपनी ने बीके अस्पताल में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत सौ बेड को अस्थायी अस्पताल तैयार करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया था। जिसे तत्कालीन उपायुक्त यशपाल यादव ने मंजूर कर लिया था। इस अस्पताल को करीब 18 सौ गज में तैयार किया गया है। मूलभूत सुविधाओं का बंदोस्त करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी, जबकि अस्पतालके पूरे स्ट्रक्चर के निर्माण का जिम्मा टाटा स्टील कंपनी तैयार किया है। अस्पताल का संचालन स्वास्थ्य विभाग करेगा।

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बीके अस्पताल की पीएमओ डॉ. सविता यादव ने बताया कि अस्थायी अस्पताल के लिए स्टाफ नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव स्वास्थ्य निदेशालय भेज दिया गया है। हालांकि अभी स्टाफ नही मिला है, लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर जरूरत पड़ी स्टाफ की कमी को दूर कर लिया जाएगा। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी हैं।

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