फरीदाबाद: तीन साल बाद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का जीर्णोद्धार अधूरा

फरीदाबाद। 36 महीने बीतने के बाद भी नाहरसिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का काम नहीं हो पाया है। जबकि स्टेडियम के नवीनीकरण का काम सितंबर-2019 तक पूरा किया जाना था। कभी बजट तो कभी कोरोना के कारण स्टेडियम का काम लटका हुआ है। उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि अब स्टेडियम के निर्माण का काम रफ्तार पकड़ेगा। क्योंकि निर्माण कंपनी को सरकार ने कुछ भुगतान किया है।

निर्माणाधीन नाहर सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर करीब 102 करोड़ रुपये की लागत आएगी। लेकिन देरी के चलते इसके बजट में इजाफा होने की आशंका है। अभी तक करीब 60 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों ने स्टेडियम का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने की मांग की है।
निर्माण के लिए कमेटी बनाने की मांग की

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पूर्व क्रिकेटर और स्टेडियम बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक संजय भाटिया ने कहा नगर निगम के आर्थिक संकट के कारण स्टेडियम का काम ऐसे ही बार-बार लटकते रहने की आशंका है। सरकार को इस स्टेडियम के निर्माण कार्य की देखरेख के लिए उपायुक्त के नेतृत्व में एक कमेटी बनानी चाहिए। जो प्रति सप्ताह काम की समीक्षा करें। आशंका है कि स्टेडियम का निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। स्टेडियम में जो लाइटें लगाई गई हैं, वो ऐसी नहीं है कि उनकी रोशनी में मैच हो सके। कई बार खेल मंत्री को इस संबंध में अवगत कराया गया है। उन्होंने एक बार स्टेडियम का दौरा भी किया। लेकिन स्टेडियम का काम कब पूरा होगा, इंतजार बढ़ता जा रहा है।

25 से बढ़कर 40 हजार दर्शकों की क्षमता का तैयार होगा स्टेडियम

नाहरसिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के जीर्णोद्धार के बाद दर्शक क्षमता 25 से बढ़ाकर 40 हजार की जाएगी। इसके पांच दर्शक बॉक्स को राज्य सरकार नीलाम करेगी। जिससे करीब 70 करोड़ रुपये एकत्रित होगा। स्टेडियम में फ्लड लाइट्स लगेंगी और इलेक्ट्रानिक्स स्कोर बोर्ड लगेगा। स्टेडियम में करीब तीन हजार गाड़ियों की पार्किंग सुविधा भी होगी। पूरा स्टेडियम और परिसर सीसीटीवी कैमरों की जद में होगा। यहां तीन सौ प्रशिक्षुओं के लिए एक छात्रावास भी होगा। स्टेडियम के अंदर और बाहर भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। चार नई पिच भी नई बनेगी साथ ही स्टेडियम सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त हो जाएगा। जहां दिन-रात के मैच भी हो सकेंगे।

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स्टेडियम में वर्ष 2006 से नहीं हुआ कोई मैच

इस स्टेडियम में अब तक सात अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैच खेले गए हैं। पहला मैच वर्ष 1988 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। इसके बाद वर्ष 1993, 1994, 2000,2002,2003 और 2006 में अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैच खेले गए। वर्ष 2006 में इस स्टेडियम पर अंतिम मैच भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। उसके बाद से यह स्टेडियम उपेक्षा का शिकार हो गया और एक समय ऐसा भी आया कि जब स्टेडियम को उपमंडल कार्यालय बनाने की तैयारी कर ली गई। लेकिन खिलाड़ियों ने इस स्टेडियम को बचाने के लिए आंदोलन किया और फिर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 में इसके जीर्णोद्धार की घोषणा की और दिसंबर-2018 में इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ।

क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य कोरोना के कारण लटक गया था। निर्माण कंपनी को कुछ भुगतान हो चुका है। ऐसे में उम्मीद है सर्दी के बाद इसका काम तेजी से पूरा होगा।

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