40 लाख लेकर रूस से कराते थे लैब हैक, STF ने आरोपी को पलवल से किया गिरफ्तार: जाने पूरा मामला

हरियाणा की सोनीपत की STF पुलिस ने रविवार को पेपर सॉल्वर गैंग से जुड़े दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया कि कंप्यूटर लैब, जहां पेपर होते थे, को 40 लाख रुपए लेकर रूस से हैक कराया जाता था। इस राशि में से 20 लाख रुपए रूस के हैकर को दिए जाते और शेष वह खुद रख लेता।

अब ये गिरफ्तार

गिरफ्तार हुए एक आरोपी पलवल के अतरछाता गांव का रहने वाले हैकर राज सिंह उर्फ काली पर 1 लाख रुपए का इनाम था। उसे दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। इसके साथी लैब संचालक भिवानी के मढाना गांव का रहने वाला सचिन को भी गिरफ्तार किया गया है। वह बिजली निगम में क्लर्क है। काली को पुलिस ने 7 दिन और सचिन को 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। पुलिस पेपर लीक मामले में अभी तक 24 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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8 राज्यों में फैला गैंग का जाल

एसटीएफ सोनीपत प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पानीपत में दर्ज पेपर लीक मामले में राज सिंह और सचिव को गिरफ्तार किया गया है। ये पेपर लीक कांड के मुख्य सरगना रोबिन से जुड़े हुए थे।सरकारी नौकरी के लिए पेपर सॉल्व करने का जाल हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत 8 राज्यों में फैला है। गिरोह ने विभिन्न राज्यों 19 लैब बनाई हुई थी। मुख्य हैकर रूस से लैब को हैक कराता था। इसके खिलाफ करीब 10 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं।

गिरफ्तार लैब पार्टनर सचिन STF स्टाफ के साथ। उसे 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। वह बिजली निगम में क्लर्क के पद पर तैनात है। गिरफ्तार लैब पार्टनर सचिन STF स्टाफ के साथ। उसे 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। वह बिजली निगम में क्लर्क के पद पर तैनात है।

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7 दिन के रिमांड पर होंगे खुलासे

राज सिंह एक लैब हैक करने के लिए 40 लाख रुपए लेता था। इसमें से 20 लाख रुपए रूस के हैकर को दिए जाते थे। आरोपी 2017 से रोबिन के गिरोह से जुड़ा था। गिरफ्तार सचिन का 12 लैबों में हिस्सा बताया गया। मुखर्जी नगर में तैयारी करते हुए रोबिन इस गिरोह के संपर्क में आया था। STF की टीम राज सिंह को लेकर विभिन्न राज्यों में निशानदेही के लिए रवाना हुई है। उससे 7 दिन के रिमांड के दौरान कई प्रकार के खुलासे होने की संभावना है।

हजारों अभ्यर्थियों को कराया पास

इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि दिल्ली से पेपर लीक मामले में मनजीत उर्फ मोनू देव को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। इस पर पेपर लीक मामले मे 15 हजार रुपए का इनाम था। कंप्यूटर हैकिंग द्वारा विभिन्न प्रकार की नौकरी और प्रतियोगी परीक्षाओं में हजारों उम्मीदवारों की परीक्षा उत्तीर्ण कराई थी। इसी के साथ दिशान्त उर्फ रोकी उर्फ ओकी निवासी पिपली पुलिस के हत्थे चढ़ा था। दोनों को अब न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

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दोनों से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद खोजबीन करते हुये पेपर लीक कांड में संलिप्त 2 और आरोपियों राजसिंह उर्फ राज तेवततिया उर्फ काली निवासी अतरछाता जिला पलवल और सचिन निवासी मदाना जिला भिवानी को गिरफ्तार किया। पूरे मामले की विवेचना जारी है। सचिन बिजली निगम में क्लर्क है और उसके रोबिन से संबंध थे। उसने 12 लैबों में हिस्सेदारी की हुई है। वर्ष 2015 से रोबिन के टच में था।

पानीपत में दर्ज हुआ था केस

पेपर लीक मामले में 6 अक्टूबर, 2021 को पानीपत के सेक्टर-13/17 में पानीपत के सुरक्षा शाखा प्रभारी प्रमोद के बयान पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले के आरोपी हैकिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेते हैं। आरोपित वर्ष 2013 से अपना गिरोह चला रहे हैं। पुलिस अब मुख्य हैकर तक पहुंचने के प्रयास मे है। हालांकि वह रूस में है। राजसिंह ने भी उससे हैकिंग के कुछ गुर सीखें हैं।

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