क्यों पिट रहे हैं नहरपार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले

नहर पार की सोसायटी हैं सोने का अंडा देने वाली मुर्गियाँ

फरीदाबाद : नहरपार या सरकार की भाषा में थोड़ा अच्छा करके कहें तो ग्रेटर फरीदाबाद इन दिनों संगठित अपराधियों का अभयारण्य बन गया है। जो तरह-तरह से बाहर से आकर बसे लोगों को न सिर्फ लूट रहे हैं बल्कि अगर कोई भी इस लूट या भय के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसका सिर फोड़ दिया जाता है। विंग कमांडर रिटायर्ड सतेंद्र दुग्गल पर हुआ हमला सिर्फ एक नया एपिसोड भर है।

दरअसल नया फरीदाबाद नहर के पार बस रहा है और यहां बस रहे हैं काम धंधे की तलाश में बाहर से आए हुए लोग। ऐसे लोग जिनकी जड़ें फिलहाल फरीदाबाद में नहीं हैं, जो छोटे परिवारों के साथ हैं। मियां-बीबी सुबह नौकरी करने जाते हैं शाम को घर आते हैं। न दीन से मतलब है न दुनिया से। हालांकि इनकी पॉकेट इतनी बड़ी है कि इन्हें न अस्पताल सरकार से चाहिए न स्कूल लेकिन कुछ मूल जरूरतों के लिए सरकार के आश्रित होना पड़ता है। सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं इसलिए गेट लगी सोसायटी के बाहर सिक्योरिटी गार्ड तैनात होते हैं। बिजली की अनकट सप्लाई रहे इसलिए जनरेटर लगे हैं। सीवर अभी सरकार ने जोड़े नहीं इसलिए टैंकरों में भर कर सीवेज बाहर भेजना पड़ता है।

Advertisement
पुलिस से लेकर सोसायटी रजिस्ट्रार तक सब सैट

इस सब की मेंटेनेंस के लिए जो आरडब्ल्यूए बनती है उसके पास छोटी-मोटी सोसायटी में भी बीसियों लाख रुपया प्रतिमाह इकट्ठा होता है। दरअसल यह सारा फसाद इस मेंटेनेंस को कंट्रोल करने के लिए हो रहा है। इन सोसायटियों पर ठोंडों ने कब्जा कर लिया है। गिरोहों के रूप में अपने सिक्योरिटी गार्ड अपने मेंटेनेंस वाले लगाकर लाखों रुपया कमाई कर रहे हैं। इन्हीं परिवारों से मेंटेनेंस के नाम पर इकट्ठा किया गया फंड इन्हीं के खिला$फ बाऊंसर रखने के काम आ रहा है। चूंकि मासिक कमाई बीसियों लाख है इसलिए पुलिस से लेकर सोसायटी रजिस्ट्रार तक सब सैट हैं। अपनी फरियाद लेकर कोर्ट – कचहरी पहुंचते हैं तो जान हथेली पर लेकर चलना पड़ता है।

विंग कमांडरदुग्गल पर हुआ हमला कोई पहली घटना नहीं है –

2017 में एसपीआर सोसायटी के पारस मदान पर ऐसा ही हमला हुआ था।
08 जनवरी 2020 को ओमेक्स हाइट्स में रहने वाले पंकज विश्वामित्र पर हमला हुआ जो थोड़ा हलका था, इसके बाद
12 मार्च 2020 में जब पंकज विश्वामित्र अपने काम पर नोएडा जा रहे थे तब भयंकर हमला हुआ। इसकी जड़ में भी सोसयटी के वित्तीय प्रबंधन पर नियंत्रण ही था
7  जनवरी 2021 को पीयूष हाइट्स में भी बिजली मीटरों क ेनाम पर वित्तीय प्रबंधन पर नियंत्रण को लेकर खूब खूनखराबा हुआ।

Advertisement
कैटल क्लास की पीड़ा

आज भी नहर पार में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर नहर पार के 60-70 लोग सीपी से मिलने पहुंचे। हालांकि मुलाकात नहीं हो सकी । प्रशासन एक घटना कहकर आमतौर पर इन मामलों को शांत करने की कोशिश करता है। लेकिन नहरपार रहने वाले ये लोग दरअसल माफिया के लिए कैटल क्लास हैं जिन्हें हांकने के लिए कुछ शिकारी कुत्तों को पूरे रेवड में छोड़ दिया गया है। हमारा वादा है विस्तार से बताएंगे आपको इस माफिया के कारनामे अगले अंकों में …

Loading

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *