फरीदाबाद: सड़क-सीवर समेत प्रमुख मांगों को लेकर 20 दिसंबर को प्रदर्शन

फरीदाबाद। ग्रेफा कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए एवं नहरपार विकास मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को सेक्टर-86 ओजोन पार्क में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रेटर फरीदाबाद की सोसाइटियों के अलावा फरीदाबाद के कई सेक्टरों से आए मौजिज लोगों ने भाग लिया। बैठक में सुरक्षा के मद्देनजर उन सभी पहलुओं पर बारीकी से चर्चा की गई, जिनके चलते यहां रहने वाले नागरिक हमेशा चिंतित रहते आ रहे हैं।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि 20 दिसंबर को सोसाइटी के लोग सड़क, सीवरेज, हाईड्रोलिक प्लेटफार्म मशीन समेत तमाम प्रमुख समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। जहां वे एफएमडीए दफ्तर पहुंचकर अपनी मांगों को रखेंगे। अगर एक महीने में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आगामी आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।

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बैठक मे ग्रेफ़ा कोनफ़ेड़ेरेशन के अध्यक्ष निर्मल कुलश्रेष्ठ ने तिगांव विधायक राजेश नागर द्वारा विधान सभा में इस मुद्दे को उठाने बाबत जानकारी दी। ग्रेफ़ा कोनफ़ेड़ेरेशन की ट्रस्टी रेणु खट्टर ने प्रशासन व राजनेताओं द्वारा जान माल से जुड़े इस अत्यंत गम्भीर मुद्दे को गम्भीरता से ना लेने व असंवेदनशील रवैया अपनाए जाने का आरोप लगाया।

सेव फ़रीदाबाद के पारस भारद्वाज ने हाई-राइस हाईडरौलिक प्लाट्फ़ोर्म के पूरे फ़रीदाबाद में उपलब्ध ना होने को अत्यंत दुभार्ग्यपूर्ण बताया। इस बैठक में सोसाइटी के लोगों ने कहा कि ग्रेटर फरीदाबाद विकसित हुए वर्षों बीत गए हैं, बावजूद आज भी सड़कें जर्जर हैं। सीवरेज व्यवस्था व यहां रात में छाया रहने वाला अंधेरा के चलते यहां रहने वाले लोग सुरक्षित नहीं। किसी को भी यहां के लोगों को चिंता नहीं है।

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इस बैठक में केएलजी सोसायटी से नरवीर, सेव फरीदाबाद से पारस, बीपीटीपी इलीट से अभय सक्सैना, पार्क ग्रांडउरा से निर्मल कुलश्रेष्ठ, सेक्टर-16 से नवनीत, एसआरएस रेजिडेंसी से केके घोष के अलावा विभिन्न सोसाइटियों से आए काफी संख्या में मौजिज लोग उपस्थित थे।

बैठक में इन प्रमुख मुद्दों को प्राथमिकता से उठाया गया

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सोसाइटी के लोगों ने कहा कि ग्रेटर फरीदाबाद समेत तमाम फरीदाबाद में बहुमंजिला इमारतें बन चुकी हैं। पिछले दिनों ग्रेटर फरीदाबाद की इन बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की घटना घटी, बावजूद इसके फरीदाबाद में आग बुझाने के लिए हाईड्रोलिक प्लटेफार्म मशीनें नहीं है, जर्जर सड़कों के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। रात के अंधेरे में लोग डरकर अपने घरों तक पहुंच पाते हैं, बावजूद शासन व प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है।

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