200 साल पुराने आश्रम को बचाने एवं खेड़ी पुल चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की समिति ने रखी मांग

 दिल्ली-वड़ौदरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओल्ड़ फरीदाबाद स्थित सबसे पुराने एवं व्यस्तम खेड़ी पुल चौक पर ओवर ब्रिज बनाकर दलित समाज के 200 वर्ष पुराने श्री-श्री 1008 स्वामी स्वामी मंगनानंद आश्रम एवं संत शिरोमणि रविदास मंदिर को बचाने के लिए मंदिर प्रांगण में श्री-श्री 1008 स्वामी मंगनानंद आश्रम विकास समिति द्वारा एक प्रैस वार्ता कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडक़री, मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर तथा केन्द्रीय राज्य मंत्री तथा फरीदाबाद के सभी जनप्रतिनिधियों से 200 साल पुराने आश्रम एवं संत शिरोमणि रविदास मंदिर को बचाने एवं खेड़ी पुल चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने की मांग की।


इस अवसर पर महंत स्वामी नरेशानंद, स्वामी हरीनंद, स्वामी धर्मेन्द्रपुरी, डा.बी.आर.अम्बेडक़र एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन एवं समाजसेवी ओ.पी.धामा, बादशाहपुर गांव के नम्बरदार रामचन्द्र, ददसिया के पूर्व सरपंच धर्मपाल, विजय कृष्ण, कोषाध्यक्ष अशोक नंदा, ठेकेदार हरज्ञान सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली ने इस मंदिर मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन, हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक, जिला उपायुक्त फरीदाबाद को सात दिनों का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही आगामी दिनों में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन मंदिर परिसर का दौरा भी करेगें।

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श्री धामा ने कहा कि पहले एनएचएआई ने मंदिर में कुछ ही जगह पर मार्क लगाकर जगह की मांग की थी। जिस पर मंगनानंद आश्रम प्रशासन राजी हो गया था और मुख्य मंदिर तथा गर्भ ग्रह को छोड़ दिया गया था, लेकिन अब पुन: हाईवे के अधिकारियों ने समाधी स्थल, मुख्य मंदिर, 200 साल पुराना कुआं सहित सत्संग भवन पर नई मार्किंग की। जिस मार्किग की वजह से पूरा मंदिर परिसर ही समाप्त हो गया है। यह आश्रम एवं मंदिर 200 सालों से दलित समाज की आस्था का केन्द्र रहा है।

इस परिसर में पूर्व राज्यपाल बाबू परमानंद, पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल, केन्द्रीय मंत्री कु.शैलजा, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना, पूर्व मंत्री विपुल गोयल, पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार, वर्तमान मंत्री बनवारी लाल व परिवहन मंत्री पं.मूलचंद शर्मा, विधायक नरेन्द्र गुप्ता, नयनपाल रावत, राजेश नागर की इस मंदिर में आस्था है और कई कार्यक्रम में उन्होंने भाग भी लिया तथा समय-समय पर सरकार ग्रांट भी उपलब्ध करवाई है।

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गत जिला प्रशासन के द्वारा रविदास जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा गई ली वीडिय़ो मीटिंग में यहां पर परिवहन मंत्री पं.मूलचंद शर्मा, जिला उपायुक्त के अलावा सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग भी लिया, लेकिन अब ऐसी क्या बात हो गई कि प्रशासन पूरे मंदिर को ही हाईवे में लेना चाह रहा है। जबकि यह प्रोजेक्ट एक दिन में तो बना नहीं है।


ओ.पी. धामा ने केन्द्र सरकार, प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन व फरीदाबाद के सभी जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि अगर इस हाईवे के 21 किलोमीटर के टुकड़ों पर कई पुल स्थापित हो रहे है तो इस मुख्य चौराहे पर भी पुल बनें। उन्होंने कहा कि इस मुख्य और सबसे व्यस्तम चौराहे को अधिकारियों ने गलती से विलेज पुलिया डीपीआर में दिखाया है जबकि यह नहरपार के दर्जनों कालोनी, मंझावली पुल व नोएड़ा जाने के लिए मुख्य मार्ग है। इस मार्ग से रोजाना हजारों लोग नोएड़ा व दिल्ली आते-जातेे है।

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श्री धामा ने मांग की है कि प्रशासन अपने ओर से नई डीपीआर बनवा कर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भेजे और इस चौराहे पर पुल बनवाए। ताकि लोगों की आस्था का केन्द्र 200 वर्ष पुराना और ऐतिहासिक धरोहर बच सकें और लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सकें।

उन्होंने कहा कि इस मंदिर के किसी प्रकार से क्षतिग्रस्त होने या टूट जाने से जहां दलित समाज के लोगों की आर्थिक को नुकसान पहुंचेगा वहीं इस राजमार्ग पर मंदिर के सामने से ओवर ब्रिज न बनाए जाने से ओल्ड फरीदाबाद और तिगांव, पृथला विधानसभा क्षेत्रों के स्थानीय लोगों नुकसान होगा और आवागमन बाधित होगा।  

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