फरीदाबाद। शहर के तीन बड़े रेलवे स्टेशन पर यात्री टिकट के लिए काउंटर की लंबी लाइन में लगे रहते हैं, उधर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन धूल फांक रही हैं। कोरोना के बाद से इनका प्रयोग नहीं हो रहा है। इन मशीनों के बंद होने से रेल यात्रियों को सुविधा देने की रेलवे की मुहिम को झटका लगा है।
फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर दो टिकट वेंडिंग मशीन लगी हैं। इसी तरह न्यूटाउन रेलवे स्टेशन और बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर तीन-तीन टिकट वेंडिंग मशीन लगी हैं। मंगलवार दोपहर को फरीदाबाद रेलवे स्टेशन, न्यूटाउन फरीदाबाद रेलवे स्टेशन और बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन की टिकट वेंडिंग मशीन बंद पड़ी थीं। न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पर ये मशीनें पॉलीथिन से ढंकी हुई थीं। यहां यात्री टिकट खिड़की पर टिकट लेने के लिए खड़े हुए थे। बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर भी इसी तरह के हालात नजर आए। फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर ये दीवार से सटाकर रखी हुई थीं।
करीब 10 साल पहले लगी थीं मशीन: फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर ये मशीन करीब 10 साल पहले लगी थीं। इन मशीनों के लि स्मार्ट कार्ड भी जारी किए गए थे। यहां रेलवे ने 378 स्मार्ट कार्ड भी जारी किए थे, लेकिन ये मशीन आए दिन खराब होती रहती थीं। इस वजह से ये मशीन यात्रियों के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाई थीं। इन मशीनों के जरिए अनारक्षित टिकट की सुविधा मिलती हैं। इन मशीनों से एक्सप्रेस गाड़ियों के सामान्य डिब्बे और लोकल ट्रेन की टिकट ली जा सकती है।
यात्रियों को लगना पड़ रहा है लाइन में: इन मशीनों के बंद होने से यात्रियों को टिकट खरीदने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। कोरोना के बाद से रेलवे अधिकांश लोकल ट्रेन और एक्सप्रेस गाड़ियां चला चुका है। इस वजह से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण सुबह-शाम टिकट लेने के लिए टिकट खिड़की पर यात्रियों की भीड़ जमा रहती है।
मेट्रो रेल की तर्ज पर टिकट व्यवस्था की जाए: दैनिक रेल यात्री संघ के प्रधान शिव प्रभाकर ओझा ने बताया कि यात्रियों को सुविधा देने की जिम्मेदारी रेलवे की है। रेलवे को ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनों को फिर से शुरू करना चाहिए। कुछ यात्री तो लंबी लाइनों की वजह से टिकट नहीं ले पाते हैं। रेलवे को मेट्रो रेल स्टेशनों पर लगीं टिकट वेंडिंग मशीन की तर्ज पर बेहतर मशीनों की व्यवस्था करनी चाहिए।