पलवल। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो लोगों से लाखों रुपए हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। एक मामले में क्रिप्टो करेंसी में रुपये लगाकर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर कारोबारी से साढ़े सात लाख रुपये की ठगी कर ली गई, तो दूसरे मामले में ईंट-भट्टा कारोबारी से साढ़े आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई।
दोनों मामलों में पीड़ितों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज की है। क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने के मामले में शिकायतों के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने नामजद पति-पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, जबकि दूसरे मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार रेलवे रोड स्थित शिव कॉलोनी निवासी सुरेंद्र डबास ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि झाबर नगर निवासी रहीसुद्दीन व उसकी पत्नी गुलबहार से करीब 10 वर्षों से उसके पारिवारिक संबंध थे। रहीसुद्दीन के साथ उसका 10 से 15 लाख रुपये का लेनदेन चलता रहता था।
जून 2020 में रहीसुद्दीन ने उसे क्रिप्टो करेंसी में रुपये लगाकर मोटा मुनाफा कमाने की बात बताई। रहीसुद्दीन ने कहा कि उसने बड़े स्तर पर यह काम किया हुआ है। रहीसुद्दीन उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल के समीप स्थित कार्यालय में ले गया, जहां कुछ लोगों को क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताया जा रहा था।
रहीसुद्दीन ने कहा कि उसने 18 लाख रुपये इस कारोबार में लगाए हैं। उसके नीचे 25 लोग जुड़े हुए हैं। यह चेन सिस्टम है, इससे जितने लोग जुड़ेंगे, उतना ज्यादा मुनाफा होगा। कम से कम पांच लाख रुपये लगाकर आईडी बनवा सकते हैं। उसके छह माह बाद वह रहीसुद्दीन के घर गया, तो उसकी पत्नी गुलबहार ने रुपये लगाने के लिए कहा।
उसने विश्वास दिलाया कि उसके कई रिश्तेदारों ने रुपये लगाए हुए हैं। उन्होंने फोन से ट्रेडिंग करने के बारे में जानकारी दी। मार्च 2021 में उसने रहीसुद्दीन व गुलबहार को साढ़े सात लाख रुपये नकद दे दिए। एक माह बाद रहीसुद्दीन ने मुनाफे के तौर पर 35 हजार रुपये दे दिए।
उसके बाद सुरेंद्र की कुछ लोगों से मुलाकात हुई, जिन्होंने उसे बताया कि रहीसुद्दीन ने उनसे क्रिप्टो करेंसी में रुपये लगवाकर एक रुपया भी वापस नहीं दिया। उसके बाद रहीसुद्दीन ने शिकायतकर्ता को भी मुनाफे के रुपये नहीं दिए और दिल्ली जाकर रहने लगा। जनवरी 2022 में जब पलवल आकर सुरेंद्र ने रुपये मांगे, तो उसने कहा कि वह जल्द ही उसे रुपये लौटा देगा।
कुछ दिन बाद उसने नंबर बदल दिया। व्हाट्सएप ग्रुप से भी उसे निकाल दिया। बाद में उसे पता चला कि रहीसुद्दीन कतर भाग गया है और उसकी पत्नी का भी कुछ अता-पता नहीं है। शिकायत में कहा गया कि रहीसुद्दीन ने काफी लोगों के साथ क्रिप्टो करेंसी के नाम पर धोखाधड़ी कर उन्हें लाखों रुपये की चपत लगाई है।
एक अन्य मामले में मानपुर निवासी मोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने गांव में श्री कृष्णा के नाम से ईंट-भट्टा लगाया हुआ है। गत वर्ष उन्होंने अलीगढ़ निवासी शमशाद को लेबर के लिए साढ़े आठ लाख रुपए दिए थे। लेकिन उसने ना तो लेबर दी और ना ही रुपए वापस दिए। उन्होंने मामले की शिकायत मुंडकटी थाना पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए केस दर्ज कर आर्थिक सेल को जानकारी दे दी है। मामले के जांच अधिकारी राजपाल ने बताया की आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।